जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में शामिल होने भार आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बैठक के मंच से भारत को मानवाधिकार और अभिव्यक्ति और धर्म की आजादी जैसे मुद्दों पर इशारों-इशारों में बड़ी नसीहत दे दी। इसके साथ ही ब्लिकंन ने यूक्रेन युद्ध के लिए पुरजोर तरीके से रूस की आलोचना करते हुए उसे तत्काल युद्ध बंद कर बातचीत के जरिये मसलों को सुलझाने की सलाह दी।
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ब्लिंकन ने कहा कि हम दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, यह हमारे राष्ट्रीय लोकाचार का हिस्सा है। हमें मिलकर काम करना होगा ताकि हमारा लोकतंत्र लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकें। उन्होंने भारत में लोकतंत्र में गिरावट और मानवाधिकार की चिंताओं पर कहा कि हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म की स्वतंत्रता और सभा की स्वतंत्रता जैसे मानवाधिकारों के सम्मान सहित मूल मूल्यों पर खुद को बरकरार रखना होगा।
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उन्होंने आगे कहा कि इसीलिए हम नियमित रूप से भारतीय समकक्षों के साथ जुड़ते हैं ताकि भारतीय सरकार को मानवाधिकारों के न्याय को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और हम ऐसा ही करने के लिए खुद को भी देखते हैं। यह वह मुद्दा है जिस पर हम विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ चर्चा करते रहते हैं।
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ब्लिकंन ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर कहा कि जी20 अध्यक्ष-भारत द्वारा आज दिए गए बयान ने पिछले साल बाली में जी20 नेताओं द्वारा जारी घोषणा की फिर से पुष्टि की है, जिसमें यूक्रेन में युद्ध की "कड़ी निंदा" की गई थी। रूस और चीन केवल दो देश थे जिन्होंने कहा कि वे उस बयान पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि आक्रामकता के इस युद्ध को समाप्त करें, अर्थपूर्ण कूटनीति में संलग्न हों जो केवल शांति उत्पन्न कर सके। अमेरिका कूटनीति के माध्यम से यूक्रेन का समर्थन करने के लिए तैयार है।
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