कोरोना के कहर की रोकथाम के लिए अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को नेशनल मेडिकल इमरजेंसी का ऐलान कर दिया। इस घोषणा के साथ ही अब ट्रम्प के लिए इस बीमारी से लड़ने को संघीय मदद के तौर पर करीब 50 अरब डॉलर की वित्तीय मदद उपलब्ध कराने का रास्ता खुल गया है।
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बीते 20 साल में यह पहला मौका है जब अमेरिका में नेशनल मेडिकल इमरजेंसी का ऐलान किया गया है। इससे पहले राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने सन् 2000 में वेस्ट ब्ल्यू वायरस से निपटने के लिए ऐसा आपातकाल घोषित किया था। ट्रंप ने इस घोषणा के दौरान कहा कि आने वाले हफ्तों में हम सभी को कुछ बदलाव और कुर्बानी के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि आने वाले अगले आठ हप्ते हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाले हैं।
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रोज गार्डन न्यूज कांफ्रेंस में आपातकाल की घोषणा करते हुए ट्रम्प ने अमेरिका के हर राज्य से अपील की कि वह इस बीमारी से लड़ने के लिए अपने यहां आपातकालीन केंद्रों की स्थापना करें। दरअसल कोरोना वायरस के फैलाव के बाद से ही डोनाल्ड ट्रम्प पर 1988 में बने कानून के तहत नेशनल मेडिकल इमरजेंसी घोषित करने का दबाव बढ़ रहा था। यह कानून संघीय आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी (फेमा) को राज्य सरकारों को आपदा निधि उपलब्ध कराने और सहायता टीमों को तैनात करने की अनुमति देता है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का कहर बढ़ते ही ट्रम्प प्रशासन ने अपने देश की सीमाएं समूचे यूरोप के लिए बंद कर दी थीं।
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