अमेरिकी मीडिया ने हाल ही में रिपोर्ट दी है कि अमेरिका के 41 राज्यों में स्थित 150 से अधिक सैन्य ठिकानों में कोविड-19 महामारी फैल गयी है। इनमें नौसेना की स्थिति सब से गंभीर है।
रिपोर्ट बताती हैं कि स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती अगर अमेरिकी युद्धपोत थियोडोर रुजवेल्ट के कप्तान बरेट ई क्रोजिए की बात मान ली गई होती। क्रोजिए ने 30 मार्च को अमेरिकी नौसेना के उच्च अधिकारियों को पत्र भेजकर विमान वाहक पर सभी सैनिकों की जांच कर उन्हें आइसोलेशन में भेजने की मांग की थी। लेकिन उनकी बात मानने के बजाए उच्च स्तरीय अधिकारियों की आलोचना का सामना करना पड़ा।
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इसके बाद 2 अप्रैल को उन्हें सेना से निकाल दिया गया। अमेरिका रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने इन सारी बातों को छिपाने की बहुत कोशिश की, लेकिन यह बात दब नहीं सकी। फोर्ब्स अखबार ने एक लेख में कहा है कि अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने कोविड-19 महामारी के प्रति निर्णयात्मक और स्पष्ट फैसला नहीं लिया और न ही इस बारे में दिशा निर्देश जारी किए, जिससे स्थितियां गंभीर हो गईं। इन रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री एस्पर के प्रति लोगों का विश्वास कमजोर हुआ है।
इससे पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने एक इन्टरव्यू में चीन की आलोचना करते हुए कहा था कि कोरोना महामारी की रोकथाम में चीन भ्रामक और अपारदर्शी रहा है। उनकी यह बात अन्य कुछ अमेरिकी राजनीतिज्ञों की बातों से मेल खाती है, जो केवल अपनी जिम्मेदारी को अन्य देशों पर डालने का बहाना ढूंढते हैं।
(साभार-चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)
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