पंजाब विधानसभा में गुरुवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सिद्धू मूसेवाला की सुरक्षा वापस लेने को लेकर बहस हुई। मंत्री कुलदीप धालीवाल और कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और प्रताप बाजवा के बीच तीखी नोकझोंक हुई। धालीवाल द्वारा कांग्रेस के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर कांग्रेस विधायक सदन के वेल में चले गए। जिसके बाद कांग्रेस ने आप सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में कांग्रेस विधायक सदन से वॉकआउट कर गए।
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पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि सिद्धू मूसेवाला के माता -पिता यहां आए थे। उन्होंने कहा कि उनके बेटे के मारे गए 11 महीने हो चुके हैं। कोई जगह नहीं बची है जहां वे न्याय के लिए नहीं गए थे। AAP मंत्री और नेता यह आश्वस्त करते रहे कि हत्यारों को सजा मिलेगी और उन्हें न्याय मिलेगा।
प्रताप सिंह बाजवा ने आगे कहा कि वे यहां आए क्योंकि सत्र प्रगति पर है। वे मांग कर रहे हैं कि भले ही कुछ गिरफ्तारियां की गई हों, लेकिन मुख्य अपराधी अभी भी आजाद घूम रहा है, जिसके बारे में सरकार जानती है।
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इससे पहले यह मुद्दा कांग्रेस के सुखपाल खैहरा ने उठाते हुए कहा कि मूसेवाला का परिवार इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है और दो दिन पहले उन्होंने पंजाब विधानसभा के बाहर धरना दिया। सुखपाल खैहरा ने आरोप लगाया कि मूसेवाला का परिवार मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार और आम आदमी पार्टी की मीडिया टीम की एक सदस्य पर आरोप लगा रहा है कि उन्होंने सिद्धूमूसेवाला की सुरक्षा वापस लेने संबंधी 1 दिन पहले ट्वीट कर दिया और सूची सार्वजनिक कर दी और अगले ही दिन सिद्दू मूसेवाला की हत्या हो गई लेकिन अभी तक सरकार ने इन दोनों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है ।
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