दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के महापौर चुनाव को स्थगित करने को लेकर शुक्रवार को सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। कार्यवाही शुरू होने से पहले आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों के पार्षदों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारे लगाए।
चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने के कारण महापौर और उपमहापौर के चुनाव को बृहस्पतिवार रात स्थगित कर दिया गया था।
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बीजेपी के पार्षद महापौर की सीट के पास एकत्र हो गए और महापौर शैली ओबेरॉय की मौजूदगी की मांग करते हुए नारे लगाए। ओबेरॉय सदन में देरी से पहुंचीं।
‘आप’ पार्षदों ने पहले तो निगम मुख्यालय में आंबेडकर प्रतिमा के पास बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में, वे सदन पहुंचे और बीजेपी के खिलाफ नारे लगाते रहे और उसे ‘‘दलित विरोधी’’ कहा।
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दोनों पार्टियों के पार्षदों ने लगभग एक घंटे तक एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। सदन में पहुंचने के बाद महापौर ओबेरॉय ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना पर ‘‘संविधान की हत्या’’ करने और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को एक ‘‘बहाने’’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
इसके बाद महापौर ने निगम सदन की बैठक अगली कार्यवाही तक के लिए स्थगित कर दी।
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एमसीडी के महापौर और उपमहापौर के पदों के लिए 26 अप्रैल को होने वाले चुनाव को स्थगित करते हुए उपराज्यपाल सक्सेना ने कहा कि मुख्यमंत्री विचाराधीन कैदी के रूप में न्यायिक हिरासत में हैं और वह अपने संवैधानिक रूप से बाध्य कार्यों का निर्वहन नहीं कर सकते हैं।
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राजनिवास द्वारा सक्सेना की ओर से एक पत्र जारी करने के बाद नगर निगम ने महापौर चुनाव स्थगित कर दिया। पत्र में कहा गया कि मुख्यमंत्री संवैधानिक कार्यों का निर्वहन नहीं कर सकते इसलिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की जा सकती।
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के इशारे पर चुनाव स्थगित किया गया।
पीटीआई के इनपुट के साथ
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