हरियाणा विधानसभा के अंदर और बाहर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायकों ने पहले विधानसभा के बाहर मार्च किया। फिर सदन के अंदर बीजेपी सरकार को घेरा। विपक्ष के कृषि कानूनों के खिलफ तमाम प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किए जाने के विरोध में अंतत: कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों पर शुक्रवार सुबह 10 बजे विधानसभा की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही माहौल गर्म था। विपक्ष किसी भी हालत में इन कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए सरकार से सदन में प्रस्ताव लाने की मांग पर अड़ा था। सबसे पहले नेता विरोधी दल भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा के बाहर मार्च किया।
Published: 06 Nov 2020, 11:57 PM IST
इस दौरान कांग्रेस विधायकखट्टर-दुष्यंत जनमत को धोखा देकर बन गए यार, किसान, मजदूर व आमजन को कतई दिया मार, मंडी बचेगी तो एमएसपी बचेगी, किसान बचेगा तो हरियाणा बचेगा, जुमलेबाजी नहीं चाहिए, एमएसपी की गारंटी चाहिए व अन्नदाता की बात सुनो, काले कानून वापस लो जैसे नारे लिखी तख्तियां हाथ में लिए हुए थे।
इसके बाद विधानसभा में जैसे ही प्रश्नकाल खत्म हुआ कांग्रेस विधायक वेल में आ गए और कृषि कानूनों के खिलाफ सरकार से प्रस्ताव की मांग करने लगे। लेकिन सरकार की मंशा साफ थी। वह विपक्ष की लाइन पर सदन में कतई चर्चा नहीं करना चाहती थी। लिहाजा, विपक्ष की तरफ से कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए आए ध्यानाकर्षण और स्थगन प्रस्ताव समेत सभी रिजोलूशन भी तकनीकी आधार पर उसने रिजेक्ट कर दिए। यह प्रस्ताव कांग्रेस की किरण चौधरी, इनेलो के अभय चौटाला और निर्दलीय बलराज कुंडू समेत कई विधायकों की तरफ से दिए गए थे।
Published: 06 Nov 2020, 11:57 PM IST
लेकिन इसकी जगह मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कृषि कानूनों की प्रशंसा करते हुए एक संकल्प प्रस्ताव विधानसभा में पेश कर दिया और कहा कि इस पर समूचा सदन चर्चा करे। विपक्ष को सरकार की मंशा कतई नागवार लगी। विरोध में कांग्रेस के तकरीबन सभी विधायक, जिनमें आफताब अहमद, बीबी बत्रा, जगबीर मलिक, शकुंतला खटक, शमशेर गोगी और रावदान सिंह आदि शामिल थे, वेल में आ गए। सरकार के बात नहीं मानने पर कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही का विरोध करते हुए वाकआउट कर दिया।
इसके बाद कांग्रेस विधायकों के वापस आने पर सरकार ने एक बार फिर सीएम के संकल्प पर चर्चा करवानी चाही। सबसे पहले नेता विरोधी दल भूपिंदर सिंह हुड्डा खड़े हुए और उन्होंने सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े किए। हुड्डा ने कहा कि सीएम के प्रस्ताव में यह कानून किसानों के हित में बताए गए हैं। इसमें किसानों का कौन सा हित है। जमाखोरी की पूरी तरह छूट दे दी गई है। दो मंडियां बना दी गई हैं। कारपोरेट्स अब किसी भी दाम में फसल खरीदेंगे और भुगतेगा किसान। मुनाफा कारपोरेट्स कमाएंगे।
Published: 06 Nov 2020, 11:57 PM IST
हुड्डा ने कहा कि सरकार कहती है कि एमएसपी मिलती रहेगी, लेकिन इन कानूनों में कहीं भी किसानों को एमएसपी देने का जिक्र तक नहीं है। किसान का कहीं प्रोटेक्शन नहीं है। फिर सरकार एमएसपी की गारंटी देने वाला चौथा कानून क्यों नहीं ले आती, जिससे कम दाम में यदि कोई फसल खरीदता है तो उसे सजा देने का प्रावधान हो।
कांग्रेस के विधायक सीएम के संकल्प प्रस्ताव पर चर्चा से पहले वोटिंग की मांग कर रहे थे। इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर भिड़ंत हुई। कांग्रेस विधायक वेल में आ गए और किसान विरोधी मुर्दाबाद के नारे लगे। विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, किरण चौधरी और हुड्डा के बीच इसे लेकर काफी बहस हुई। सदन के हालात ऐसे बन गए कि शोर के चलते किसी की आवाज तक सुनाई नहीं पड़ रही थी। विपक्ष की बेंचों के माइक बंद थे, जबकि सत्ता पक्ष की आवाज माइक खुला होने के चलते सुनाई पड़ रही थी। विपक्ष की तरफ से पूर्व स्पीकर रघुबीर कादियान, शकुंतला खटक, किरण चौधरी व बीबी बत्रा तर्क रखते नजर आए। रघुबीर कादियान तो कोई कागज भी फाड़ते दिखे। हालात हंगामेदार होते देख स्पीकर ने 15 मिनट के लिए सदन को स्थगित कर दिया।
Published: 06 Nov 2020, 11:57 PM IST
इसके बाद सदन की कार्यवाही दोबारा आरंभ होते ही कांग्रेस के विधायक एक बार फिर वेल में आ गए और सीएम के प्रस्ताव पर वोटिंग की मांग करने लगे। हुड्डा स्पीकर को रूल बुक भी दिखाते रहे। लेकिन सरकार विपक्ष की मांग मानने के लिए तैयार नहीं थी। विपक्ष के विधायकों और स्पीकर के बीच इसे लेकर लगातार बहस होती रही। बीच में मुख्यमंत्री एक प्रस्ताव देते दिखे कि विपक्ष भी अपनी तरफ से एक रिजोल्यूशन लेकर आए और उस पर भी चर्चा हो जाएगी। लेकिन कांग्रेस विधायक सीएम के संकल्प प्रस्ताव पर पहले वोटिंग की मांग पर अड़े थे। इसे लेकर कांग्रेस विधायक वेल में नारेबाजी करते रहे।
नारेबाजी के बीच स्पीकर ने कांग्रेस के बीबी बत्रा, आफताब अहमद, जगबीर मलिक, किरण चौधरी, कुलदीप वत्स, मोहम्मद इलियास, प्रदीप चौधरी, नीरज शर्मा और शमशेर गोगी समेत अधिकतम विधायकों को नेम करने के साथ ही सदन को आधे घंटे के लिए फिर स्थगित कर दिया। इसके बाद जब सदन फिर से शुरू हुआ तो विरोध में कांग्रेस के सभी विधायकों ने विधानसभा की शेष कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा के बाहर फिर प्रदर्शन किया।
Published: 06 Nov 2020, 11:57 PM IST
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Published: 06 Nov 2020, 11:57 PM IST