उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि पूरे बुंदेलखंड को सरकार ने किसानों की कब्रगाह में तब्दील कर दिया है। सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। अजय कुमार लल्लू बुंदेलखण्ड के झांसी दौरे पर हैं। इस दौरान पार्टी द्वारा चलाए जा रहे सृजन अभियान की बैठकों में शामिल हो रहे हैं।
इसी क्रम में झांसी पहुंचे लल्लू ने किसानों से मुलाकात कर उनका दु:ख दर्द जाना। उन्होंने अपना बयान जारी किया जिसमें कहा कि, गरीब विरोधी नीतियों के चलते मजदूर आत्महत्या करने पर विवश हैं। युवा विरोधी नीतियों के चलते बेरोजगारी की मार खाए नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं। बुंदेलखंड को सरकार ने किसानों की कब्रगाह में तब्दील कर दिया है।
Published: 10 Sep 2020, 11:09 AM IST
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पीड़ित किसानों ने उन्हें बताया कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत किसानों को एक पैसा की भी बीमा राशि का भुगतान नहीं हुआ है। गलत नीतियों के कारण जानवरों का प्रकोप बहुत तेजी से बढ़ा है। किसान दिन-रात, दोपहरी चौकीदारी करने को मजबूर हैं।
लल्लू ने कहा कि कई पीड़ित किसानों ने उन्हें बताया कि बुंदेलखंड में निजी नलकूप लगाने पर सरकार द्वारा 63 हजार रुपए अनुदान देने का प्रावधान था। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी एक भी किसान को फूटी कौड़ी नहीं मिली है।
Published: 10 Sep 2020, 11:09 AM IST
उन्होंने दर्जनों गांवों का भ्रमण किया। अजय कुमार लल्लू ने पहला उदाहरण देते हुए कहा कि बीते दिनों चिरगांव ब्लॉक के बेरबई ग्राम के किसान प्रेमनारायण रैकवार ने कर्ज के कारण मौत को गले लगा लिया था। पीड़ित परिजनों का कहना कि प्रेमनारायण लॉकडाउन में फरीदाबाद से पैदल गांव आये थे। लल्लू ने कहा कि जनपद झांसी के गुरसराय ब्लॉक के ग्राम शहपुरा खुर्द के किसान स्व़ लोकेंद्र सिंह ने कर्ज के बोझ व सरकारी मशीनरी के दबाव के कारण बेबस हो गए थे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, यह है भाजपा सरकार की हकीकत। देश का अन्नदाता आत्महत्या कर रहा है और प्रधानमंत्री मोर के साथ वीडियो शूट करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपने टीम 11 की फ र्जी बैठकों से फुर्सत तक नहीं है।
Published: 10 Sep 2020, 11:09 AM IST
दौरे पर साथ रहे प्रदीप आदित्य जैन ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में राहुल गांधी की पहल पर बुंदेलखंड पैकेज दिया गया। जगह जगह मंडियां बनीं। फसलों की खरीद शुरू हुई। पानी के लिए कई तरह की योजनाओं की पहल हुई लेकिन आज पूरा बुंदेलखंड पलायन और पानी की मार से आंसू बहा रहा है। पलायन के कारण गांव के गांव खाली हो चुके हैं।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 10 Sep 2020, 11:09 AM IST
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Published: 10 Sep 2020, 11:09 AM IST