असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट से बाहर किए गए 19 लाख लोगों का अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है। इस बीच एक के बाद एक बीजेपी शासित राज्य एनआरसी लागू करने के संकेत देने लगे हैं। हरियाणा और उत्तराखंड के अब यूपी में एनआरसी लागू करने की सुगबुगाहट सुनाई देने लेगी है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा असम की तरह राज्ये में एनआरसी लागू करने की मंशा जताने के बाद राज्य की पुलिस ने सभी जिलों में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को चिन्हित करने का फैसला किया है।
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बताया जा रहा है कि अवैध बांग्लादेशियों के साथ ही राज्य में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को भी सत्यापन करवाया जाएगा। सरकार द्वारा इस बात की सूचना जुटाई जाएगी कि क्या वैध लोगों की आड़ में कहीं अवैध विदेशी नागरिकों ने कहीं राज्य में ठिकान तो नहीं बना रखा है।
डीजीपी मुख्यालय की तरफ से सभी जिलों के एसपी को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह अवैध बांग्लादेशियों का सर्वे कराकर उन्हें चिन्हित करें। बांग्लादेशियों के पास जो भी पहचान से जुड़े दस्तावेज हैं उनकी पड़ताल की जाए, ताकि यह साफ हो सके कि राज्य में कितने लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं।
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खबरों में यह दावा किया जा रहा है कि यूपी में 10 लाख से ज्यादा अवैध बांग्लादेशियों के होने की आशंका है। खबरों के मुताबिक, सबसे ज्यादा अवैध बांग्लादेशी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर और बुलंदशहर में रह रहे हैं। कहा जा रहा है कि लखनऊ में भी अवैध बांग्लादेशी काफी बड़ी संख्या में रहते हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर लोगों ने अपनी स्थानीय आईडी बना रखी है, जिसमें राशन कार्ड, वोटर कार्ड और आधार कार्ड शामिल हैं। खबरों में यह भी दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेस में सैंकड़ों रोहिंग्या मुसलमान भी रह रहे हैं। इन्हीं की पहचान के लिए यूपी पुलिस ने महिम की शुरूआत करने जा रही है।
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