उत्तर प्रदेश में घटिया भोजन का मुद्दा उठाने वाले यूपी पुलिस कांस्टेबल का गाजीपुर जिले में ट्रांसफर कर दिया गया है, जो फिरोजाबाद से 600 किलोमीटर दूर है। इस कार्रवाई को सजा के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले, 26 वर्षीय कांस्टेबल मनोज कुमार को 'लंबी छुट्टी' पर भेजा गया था। दरअसल, मनोज कुमार का एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने पुलिस लाइन से मिलने वाले खाने पर सवाल खड़े करते हुए भोजन की थाली लेकर हाईवे पर प्रदर्शन किया था।
वीडियो में वह यह कहते हुए सुनाई दिए कि पुलिसकर्मियों को 12 घंटे की ड्यूटी के बाद घटिया खाना परोसा जा रहा है। उन्होंने कहा, "कुत्ता भी इसे नहीं खायेगा। अगर हमारे पेट में कुछ नहीं जाएगा, तो हम कैसे काम करेंगे?"
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अलीगढ़ जिले के निवासी मनोज कुमार ने कहा, "मेरे परिवार में दो छोटे भाई और एक कुंवारी बहन समेत कुल छह सदस्य हैं। मेरे माता-पिता बूढ़े हैं और उनका इलाज चल रहा है। उनसे 600 किलोमीटर से अधिक दूर ड्यूटी पर रहकर उनकी देखभाल करना मेरे लिए बहुत मुश्किल होगा। मैं अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला सदस्य हूं।"
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कुमार के एक मित्र, जो पुलिस बल में भी हैं, उन्होंने कहा, "यह देखना निराशाजनक है कि उनके जैसे ईमानदार व्यक्ति को एक वास्तविक मुद्दे को उठाने के लिए सजा दी जा रही है। वह विनम्र इंसान है। उनके दो भाई दिहाड़ी मजदूर का काम करते हैं। मनोज ने अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए बाल मजदूर के रूप में भी काम किया था।"
वीडियो वायरल होने के बाद, फिरोजाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने मेस में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच के लिए सर्कल अधिकारियों के लिए एक रोस्टर जारी किया। इसी तरह के आदेश अन्य जिलों में भी जारी किए गए।
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