उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक ऐसे नकल माफिया गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो एमबीबीएस के अयोग्य छात्रों से पैसे लेकर उन्हें इम्तिहान पास करवाया करता था। हैरानी की बात यह है कि इस रैकेट के जरिए 600 ऐसे छात्रों ने एमबीबीएस पास कर ली जो इसके योग्य ही नहीं थे। यही नहीं एमबीबीएस पास करने के बाद सभी छात्र डॉक्टरी के पेशे में भी चले गए हैं। पुलिस के मुताबिक, यह रैकेट 2014 से चल रहा था। पुलिस ने इस मामले में मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज के दो छात्रों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, इन छात्रों से नकल गिरोह ने पैसे लेकर परीक्षा में छात्रों की ओर दी गई उत्तर पुस्तिका के बजाय एक्सपर्ट्स की उत्तर पुस्तिका कॉलेज में रखवा दी थी।
Published: 21 Mar 2018, 2:13 PM IST
बताया जा रहा है कि यूनिवर्सिटी की मिलीभगत से नकल माफिया छात्रों की कॉपी की जगह पर एक्सपर्ट्स की ओर से लिखी गई कॉपियां रखवा देता था। नकल माफिया इसकी एवज में छात्रों से 1 से डेढ़ लाख रुपये वसूलता था। इसके अलावा दूसरे कोर्स के लिए यह गिरोह छात्रों से 30 से 40 हजार रुपये लिया करता था। पूछताछ में यह बात सामने आई है कि गिरफ्तार छात्रों में से एक गुरुग्राम के बड़े अस्पताल के डॉक्टर का बेटा है। वहीं दूसरा छात्र पंजाब के संगरूर का रहने वाला है। दोनों छात्र मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज में सेकेंड इयर के छात्र हैं।
Published: 21 Mar 2018, 2:13 PM IST
इस मामले में एसटीएफ ने चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के 4 कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया है। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के 6 अधिकारियों समेत 9 अन्य लोगों के बारे में छानबीन की जा रही है। इन पर आरोप है कि यह लोग मेडिकल छात्रों को नकल कराने में मदद करते थे। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच के बाद कई और लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।
Published: 21 Mar 2018, 2:13 PM IST
एसटीएफ के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दोनों छात्रों का नकल माफिया से परिचय सेकेंड इयर की एक मेडिकल छात्रा ने करवाया था। हालांकि अभी तक छात्रा की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
Published: 21 Mar 2018, 2:13 PM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 21 Mar 2018, 2:13 PM IST