हालात

यूपी पुलिस नियमों को ताक पर रख कर रही काम! हाईकोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन

लखनऊ के मशहूर स्मारकों में से एक विश्व प्रसिद्ध छोटा इमामबाड़ा के 'फसाड' (आगे के हिस्से) को पुलिस ने तोड़ दिया है। न केवल स्मारक के फसाड को तोड़ा गया बल्कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और हुसैनाबाद अलाइड ट्रस्ट (एचएटी) के नियमों का भी उल्लंघन किया गया।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

लखनऊ के मशहूर स्मारकों में से एक विश्व प्रसिद्ध छोटा इमामबाड़ा के 'फसाड' (आगे के हिस्से) को पुलिस ने तोड़ दिया है। छोटा इमामबाड़ा के गेट पर बनी पुलिस चौकी ने न केवल स्मारक के फसाड को तोड़ा बल्कि यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और हुसैनाबाद अलाइड ट्रस्ट (एचएटी) के नियमों का भी बड़ा उल्लंघन है।

एएसआई और एचएटी के अधिकारी, जिनके स्वामित्व में ये संरचना है, ने इसे 'प्राचीन स्मारक और पुरातात्विक स्थल अवशेष (संशोधन और वैधता) (एएमएएसआरआर) अधिनियम, 2010 का उल्लंघन बताया। अधिनियम संरक्षित स्मारक के 100 मीटर के क्षेत्र में निर्माण या नवीनीकरण पर सख्ती से रोक लगाता है।

Published: 20 Sep 2020, 2:30 PM IST

लखनऊ सर्कल, एएसआई के डिप्टी सुपरिटेंडिंग ऑर्कियोलॉजिस्ट मनोज सक्सेना ने कहा, "यह पूरी तरह से अवैध कृत्य है। हमने तत्काल काम रोकने के लिए पुलिस स्टेशन को नोटिस दिया है।" वहीं, चौक क्षेत्र, जिसके तहत पुलिस चौकी आती है, के सहायक पुलिस कमिश्नर आई.पी. सिंह ने कहा, "मामला हमारी जानकारी में है। हमने इसकी जांच का आदेश दिया है।"

दिलचस्प बात यह है कि पुलिस चौकी का जीर्णोद्धार, जिसे स्थानीय रूप से सतखंडा पुलिस चौकी के नाम से जाना जाता है, हाईकोर्ट के उस आदेश का भी उल्लंघन है, जिसमें उसी गेट का जीर्णोद्वार सुनिश्चित करने का जिम्मा एएसआई को और फंडिंग का जिम्मा एचएटी को दिया गया है।

Published: 20 Sep 2020, 2:30 PM IST

एचएटी के अधिकारियों ने कहा कि अवैध काम होने की जानकारी पहली बार चार दिन पहले सामने आई थी जब राजमिस्त्री के एक समूह को उनकी आवश्यकता और डिजाइन के अनुरूप नई चौकी के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए गेट के शेड को तोड़ते देखा गया।

एचएटी के एक अधिकारी ने कहा, "तब तक, हमें जानकारी मिल गई और घटनास्थल पर पहुंच गए, पूरे शेड, सभी को लाल लखौरी ईंटों से बनाया गया था, राजमिस्त्री द्वारा तोड़ दिया गया। पूछताछ करने पर, उन्होंने बस जवाब दिया कि चौकी प्रभारी साहिब का आदेश है।

Published: 20 Sep 2020, 2:30 PM IST

टीम ने पाया कि स्मारक पर कोई गैरकानूनी काम नहीं किया गया था। अधिकारी ने कहा, "हमने यह भी पाया कि चौकी का इंटीरियर बदल दिया गया था। पुरानी लखौरी दीवारों के स्थान पर, सीमेंट की नई दीवारें थीं।"

जब अधिकारियों ने अवैधता पर आपत्ति जताई, तो पुलिस कर्मियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे तुरंत काम रोक देंगे और उसी की अनुमति के लिए आवेदन करेंगे।

अधिकारी ने आगे कहा, "रात भर में, उन्होंने निर्माण कार्य फिर से शुरू कर दिया और संरचना पूरी कर ली। उन्होंने इसे पेंट करा दिया ताकि यह शेष संरचना जैसा है वैसा ही देखने में मालूम पड़े।"

Published: 20 Sep 2020, 2:30 PM IST

एचएटी द्वारा इस संबंध में एक पत्र भी सिटी मजिस्ट्रेट को भेजा गया है, जो उस ट्रस्ट के सचिव हैं जिसे 1839 में राजा मोहम्मद अली शाह ने समुदाय की धार्मिक और धर्मार्थ जरूरतों को पूरा करने और नवाबी युग की संरचना की देखरेख के लिए गठित किया था।

एचएटी के सचिव व सिटी मजिस्ट्रेट सचिव सुशील प्रताप सिंह ने कहा, "मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है, तो हम नोटिस भेजेंगे और दोषी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करेंगे।"

1990 के दशक में इलाके में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस चौकी की स्थापना की गई, जो सांप्रदायिक विवादों के कारण बहुत संवेदनशील थी।

Published: 20 Sep 2020, 2:30 PM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 20 Sep 2020, 2:30 PM IST