उत्तर प्रदेश पुलिस ने फैक्टचैकर मोहम्मद जुबैर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जुबैर पर आरोप है कि उन्होंने मुजफ्फरनगर स्कूल की घटना के मुस्लिम स्कूली बच्चे की पहचान उजागर की। इस बच्चे को शिक्षिका ने आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हुए कक्षा के हिंदू बच्चों से पिटाई करवाई थी।
मुजफ्फरनगर पुलिस ने विष्णुदत्त नाम के व्यक्ति की शिकायत पर जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 74 के तहत जुबैर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कानून अगर कोई व्यक्ति किसी ऐसे बच्चे की पहचान उजागर करता है जो या तो किसी अपराध का पीड़ित है या गवाह है तो इसे अपराध माना जाता है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर 6 महीने सजा और दो लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।
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बता दें कि शुक्रवार को एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक शिक्षिका कक्षा के एक मुस्लिम बच्चे कक्षा के ही अन्य बच्चों से पिटवाई करते हुए देखी गई। मामले का संज्ञान लेते हुए बाल अधिकार रक्षा आयोग ने लोगों से इस वीडियो को शेयर न करने का अनुरोध किया। आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने लोगों से आग्रह किया कि बच्चे की पहचान उजागर कर अपराध के भागीदार न बनें।
इस मामले में जुबैर ने स्क्रोल को बताया कि उन्हें खासतौर से निशाना बनाया जा रहा है। जुबैर ने कहा कि इस वीडियो को बहुत से लोगों ने शेयर किया था, लेकिन सिर्फ उन्हीं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि पुलिस ने अभी तक उनसे संपर्क नहीं किया है।
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घटना के संबंध में शिक्षिका के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 323 (किसी को चोट पहुंचाना) और 504 (शांति भंग करने की मंशा से भावनाएं भड़काना) के तहत मामला दर्ज हुआ है। लेकिन ये दोनों ही मामले गैर संज्ञेय अपराधों के लिए हैं। यानी पुलिस बिना वारंट के इस धाराओं के तहत किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। इतना ही नहीं मामले की जांच के लिए भी पुलिस को कोर्ट की अनुमति लेनी होगी।
लेकिन शिक्षिका ने इस वीडियो के वायरल होने के बाद इसे ‘मामूली बात’ कहकर खारिज कर दिया। शिक्षिका ने इस मामले में किसी सांप्रदायिक एंगल की बात से इनकार किया है। घटना के संबंध में बच्चे के पिता ने पुलिस को बताया कि उसके बेटे को घंटों तक खड़ा रखा गया और पूरी कक्षा के सामने उसका अपमान किया गया। घटना के बाद बच्चे के मेडिकल चेकअप भी किया गया।
मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंहारी ने कहा है कि मामले में शिक्षिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। जबकि बच्चे के पिता ने कहा है कि वह स्कूल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहता, हालांकि स्कूल को बंद कर दिया गया है क्योंकि यह बिना किसी मान्यता या अनुमति के चल रहा था।
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