प्रयागराज जिले के दरियागंज क्षेत्र में निरंजनी अखाड़ा के महंत आशीष गिरी महाराज ने रविवार की सुबह अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से खुद को गोलीमार कर आत्महत्या कर ली। पुलिस अधीक्षक (सिटी) बृजेश श्रीवास्तव के अनुसार, प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि महाराज उच्च रक्तचाप और पेट की बीमारी से जूझ रहे थे, जिसकी वजह से उनका लीवर भी काफी प्रभावित हुआ था।
Published: undefined
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने आज सुबह 8 बजे ही आशीष गिरी से फोन पर बात कर उन्हें नाश्ते पर आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा, "आशीष गिरी ने कहा था कि वे स्नान करने के बाद नाश्ते के लिए जरूर आएंगे, लेकिन वे नहीं पहुंचे। जब अन्य संत दूसरे तल पर स्थित उनके कमरे में गए तो उनका शव खून से सना जमीन पर पड़ा था।"
Published: undefined
अखाड़ा परिषद के प्रमुख ने यह भी बताया कि आशीष गिरी को कुछ दिन पहले ही कमजोरी की शिकायत के कारण देहरादून के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा, "डॉक्टरों द्वारा धूम्रपान और मद्यपान को उनकी बीमारी की वजह बताए जाने के बाद से वह तनाव में थे।"
Published: undefined
महंत आशीष गिरी के आत्महत्या की खबर के बाद संतों में शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें कि महंत आशीष गिरी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य भी हैं. साथ ही साथ महंत आशीष गिरी निरंजनी अखाड़े के सचिव भी थे।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined