उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के विकासखंड गोला में पंचायात में तैनात दलित ग्राम विकास अधिकारी ने भारतीय किसान यूनियन के नेताओं और प्रधानों से परेशान होकर खुदकुशी कर ली है। ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उन्होंने अपना दर्द बयां कया है। उन्होंने सुसाइड नोट में बताया है कि कैसे जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करके उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था, और यही वजह है कि उन्होंने खुदकुशी कर ली।
Published: 06 Sep 2019, 12:08 PM IST
ग्राम विकास अधिकारी ने सुसाइड नोट में लिखा है, “मैं किसान यूनियन और प्रधानों के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा हूं, जिससे मैं बहुत ही परेशान हूं। मुझे गाली दिया जाता है, और आरक्षण के खिलाफ बोला जाता है, जोकि बहुत ही गलत है। मैं अपनी जिंदगी से परेशान हो गया हूं। मैं अपने परिवार से बहुत प्यार करता हूं और विश्वास करता हूं। ब्लॉक पर मेरा मजाक बनाया जाता है। अगर मुझे कुछ होता है तो उसके जिम्मेदार सिर्फ किसान यूनियन पार्टी और उसके अध्यक्ष, रसूलपुर के प्रधान, देवरिया प्रधान के बेटे पप्पू ही हैं। मुझे दिमागी रूप से ये पार्टी और प्रधान प्रताड़ित करते हैं। मैं अपने आप से विफल हो गया हूं। मेरे मरने के बाद मेरे परिवार को कोई भी परेशान नहीं करेगा। मैं अपने स्वंय की इच्छा से मरने जा रहा हूं। लेकिन मेरे मर जाने के बाद पार्टी अध्यक्ष और प्रधानों को सजा मिले, ताकि ये किसी और को परेशान न कर सकें।”
Published: 06 Sep 2019, 12:08 PM IST
ग्राम विकास अधिकारी को खुदकुशी से पहले कुंभी ब्लॉक के अमीन नगर में पिछले दिनों हुई एक किसान पंचायत के दौरान भरी सभा में प्रताड़ित किया गया था। सभा के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने ग्राम विकास अधिकारी त्रिवेंद्र कुमार को मंच पर बुलाया और अपशब्द कहे। सभा का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक शख्स माइक पर बोलते हुए ग्राम विकास अधिकारी की बेइज्जती करता हुआ दिखाई दे रहा है। बकायदे वो सभा में प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम लेता है।
Published: 06 Sep 2019, 12:08 PM IST
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे सीएम योगी आदित्यनाथ की धौंस देकर भरी सभा में ग्राम विकास अधिकारी को जूते मारने की बात कही जा रही है। सभा में बैठे लोग भी ग्राम विकास अधिकारी का मजाक उड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं। पिछले साल ही त्रिवेंद्र कुमार की ग्राम विकास अधिकारी के पद पर नियुक्ति हुई थी। लेकिन एक साल के अंदर उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि उन्होंने खुदकुशी कर ली।
Published: 06 Sep 2019, 12:08 PM IST
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Published: 06 Sep 2019, 12:08 PM IST