हालात

योगीराज 2.0 की शुरुआत से पहले ही मदरसों पर नया फरमान, अब प्रार्थना से पहले हर दिन अनिवार्य होगा राष्ट्रगान

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाश सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से पहले ही मदरसों पर नया फरमान आ गया है। इसके तहत अब प्रार्थना से पहले मदरसों में हर दिन राष्ट्रगान को अनिवार्य कर दिया गया है। विशेषज्ञों ने इसे संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।

Getty Images
Getty Images 

योगी आदित्यनाथ की दूसरी पारी के शपथ समराहो से पहले ही योगीराज 2.0 की झलक मिलने लगी है। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड ने फरमान जारी किया है कि यूपी के सभी मदरसों में सुबह की प्रार्थना के साथ ही राष्ट्र गान भी अनिवार्य रूप से गाया जाए। मदरसा शिक्षा बोर्ड राज्य के मदरसों में शिक्षा के विषय का मूल संस्थान है। लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि किसी अन्य शिक्षण संस्थान के लिए ऐसा कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। ध्यान रहे कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवा राष्ट्र गान को गाना वैकल्पिक ही रहा है, न कि अनिवार्य। लेकिन मदरसा शिक्षा बोर्ड ने यह कहते हुए मदरसों में इसे अनिवार्य कर दिया है कि इससे “मदरसे के छात्रों में भी देश भक्ति और राष्ट्र भावना उत्पन्न होगा और वे इस बहाने देश के इतिहास और संस्कृति को समझ सकते हैं।”

Published: undefined

उत्तर प्रदेश में इस समय 560 स्थाई मदरसे हैं जोकि बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। मदरसा बोर्ड के चेयरमैन इफ्तिखार अहमद जावेद ने इस विषय में मीडिया से कहा कि राष्ट्र गान को गाना अनिवार्य किए जाने के साथ ही नए सत्र से मदरसा शिक्षकों की बायोमीट्रिक उपस्थिति भी अनिवार्य की जा रही है। साथ ही छात्रों की ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था भी की जा रही है।

जावेद ने कहा कि मदरसा शिक्षकों की भर्ती के लिए अब मदरसा टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (एमटेट) का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मदरसों में शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर परिवारवाद चलता रहा है। उन्होंने कहा कि, “शिक्षकों की भर्ती में परिवारवाद एक तरह का नियम बन गया है। इसीलिए मदरसा बोर्ड एमटेट की व्यवस्था कर रहा है, लेकिन चयन प्रक्रिया को प्रबंधन द्वारा ही अंतिम रूप दिया जाएगा। इस बारे में सरकार को औपचारिक प्रस्ताव जल्द भेजा जाएगा।”

Published: undefined

याद दिलादें कि योगी सरकार ने 2018 में महाराजगंज जिले के एक मदरसे की मान्यता इस आधार पर रद्द कर दी थी, क्योंकि वहां के टीचर ने छात्रों को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रगान गाने से मना किया था।

मदरसा बोर्ड के इस फैसले पर शिक्षाविदों का कहना है कि राष्ट्रगान को अनिवार्य करना संविधान की मूल भावना का उल्लंघन है। विशेषज्ञों के मुताबिक संविधान का अनुच्छेद 30(1) सभी अल्पसंख्यकों को धर्मा और-अथवा भाषा के आधार पर अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और उनका प्रबंधन करने का अधिकार देता है। इसी तरह अनुच्छेद 30 (2) कहता है कि सरकार किसी भी शैक्षणिक संस्थान के खिलाफ सिर्फ इस आधार पर कि वह अल्पसंख्य समुदाय द्वारा नियंत्रित है, भाषा या धर्म के आधार पर आर्थिक मदद देने में कोई भेदभाव नहीं कर सकती है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined