उत्तर प्रदेश के कद्दावर बीजेपी नेता और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ उनकी ही पार्टी में मोर्चा खुलता नजर आ रहा है। लखनऊ से लोकसभा सांसद राजनाथ सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एक बीजेपी नेता ने अमित शाह को पत्रा लिखकर लखनऊ सीट पर दावेदारी ठोंक दी है। बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री आई पी सिंह ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर लखनऊ से राजनाथ सिंह को हटाकर खुद को टिकट देने की मांग की है।
51 साल के आईपी सिंह पूर्व में यूपी में बीजेपी सरकार में मंत्री और प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता रह चुके हैं। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को 2 अक्टूबर को लिखे पत्र में लखनऊ सीट पर दावा ठोका है और जीत की गारंटी भी दी है। उनका कहना है कि राजनाथ सिंह का लखनऊ से कोई गहरा नाता नहीं है और वह 2014 में बाहर से आकर यहां से चुनाव लड़े थे। इस समय वह देश के गृह मंत्री हैं, देश के किसी भी कोने से चुनाव लड़ सकते हैं। आईपी सिंह का कहना है कि लखनऊ के आधे से ज्यादा विधायक-सांसद बाहर से यहां आए हैं। ऐसे में स्थानीय नेता उपेक्षित रह जाते हैं। हालांकि, आईपी सिंह को अभी तक अपने पत्र का जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा है कि जवाब नहीं मिला तो वह मिल कर अपनी बात रखेंगे।
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आईपी सिंह ने कहा कि वह करीब 36 साल से लखनऊ में हैं और पिछले कई वर्षों से पार्टी से जुड़े हुए हैं और हर परिस्थिति में पार्टी के लिए काम करते रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “आज पार्टी अपने सबसे अच्छे दौर में है। ऐसे में अगर अब भी उनके जैसे कार्यकर्ताओं को महत्व नहीं मिला तो फिर कब मिलेगा?” इसके लिए उन्होंने आडवाणी और जोशी जैसे नेताओं के मुख्यधारा से हटने का तर्क देते हुए कहा कि हम जैसे नेताओं के लिए जगह तभी बनेगी जब यह परंपरा जारी रहेगी।
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गौरतलब है कि आई पी सिंह 25 साल से ज्यादा से बीजेपी में हैं औऱ पहले भी कई बार पार्टी लाइन से अलग और विवाद खड़ा करने वाले बयान देते रहे हैं। वह पहले भी पार्टी में बाहर से आने वाले नेताओं को शामिल करने और उन्हें टिकट देने पर सवाल उठा चुके हैं। इसके अलावा वह अखिलेश यादव की सरकार के दौरान पार्टी लाइन से हटकर अखिलेश यादव की तारीफ कर पार्टी की किरकिरी भी करा चुके हैं। इसके अलावा वह आपत्तिजनक बयान के लिए जाने जाते हैं। पिछली सरकार के दौरान उन्होंने आजम खान को निशाने पर लेने के लिए महिलाओं के खिलाफ ट्प्पणी कर खासा विवाद खड़ा कर दिया था। उनके बयानो से पार्टी के लिए समस्या खड़ी होने की वजह से उन्हें पार्टी से निष्कासित भी किया जा चुका है।
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