उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए बुधवार का दिन दहला देने वाला रहा। सुबह सोनभद्र में हुई दर्दनाक घटना के बाद दोपहर बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल जिले में अपराधियों के दुस्साहस से समूचा पुलिस प्रशासन हिल गया। संभल के चंदौसी थाना क्षेत्र में हुई घटना में घात लगाकर बैठे बदमाशों ने पेशी से लौटते समय वैन में मौजूद पुलिसकर्मियों पर हमला कर दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देकर तीन कुख्यात अपराधी पुलिस वैन से फरार हो गए। भागते समय बदमाश पुलिसकर्मियों की राइफल भी छीनकर ले गए।
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घटना के बाद जिले से लेकर लखनऊ तक पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया और एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश को स्पेशल कमांडो दस्ते के साथ मौके पर भेजा गया। सूत्रों के मुताबिक इस समय संभल में अपराधियों के साथ पुलिस की मुठभेड़ चल रही है। पुलिस ने एक बागीचे की घेराबंदी की है, जहां से गोलियां चलने की आवाज आ रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि यह मुठभेड़ पुलिस वालों की हत्या कर फरार हुए बदमाशों के साथ भी हो सकती है।
बता दें कि बुधवार सुबह मुरादाबाद जेल से 6 पुलिसकर्मियों के साथ एक कैदी वैन से 24 कैदियों को चंदौसी की अदालत में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। कोर्ट से पेशी के बाद लौटते समय यह वारदात हुई। बताया जा रहा है देवखेड़ा गांव के नजदीक तीन कैदियों ने वैन के अंदर ही पुलिसकर्मियों से हाथापाई शुरू कर दी। इसी दौरान अपराधियों ने दो पुलिसकर्मियों हरेंद्र सिंह और बृजपाल सिंह की हत्या कर दी और फरार हो गए। अपराधियों के नाम कमल, धर्मपाल और शकील बताए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
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वैन में मौजूद रहे एक अन्य सिपाही खूब सिंह के मुताबिक तीन कैदियों ने हिंसा शुरू की। पहले इन्होंने पुलिसकर्मियों पर मिर्ची डाल दी। खूब सिंह के मुताबिक इनके पास तमंचा, पिस्टल और चाकू भी था। बताया जा रहा है कि ये सब पेशी के दौरान उन्हें दिया गया था। संभल के एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि ड्राइवर को वैन में गोली चलने की आवाज आई, जिसके बाद उसने वैन रोक दी। वैन में कुल 24 कैदी थे, जिनमें से तीन कैदियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया और दो सिपाही की हत्या कर दी।
घटना के बाद घायल पुलिसकर्मियों को एक मिनी ट्रक में डालकर अस्पताल ले जाया गया। घायल पुलिस वालों के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं होने पर भी संभल प्रशासन सवालों के घेरे में है। घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजनोर निवासी मर्तक सिपाहियों के परिजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
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एक ही दिन में दो बड़ी वारदात से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की कलई खुल गई है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव मनीष जगन ने घटना पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश में जंगलराज कायम है। उन्होंने कहा, “सिर्फ एनकाउंटर से आप बेहतर कानून-व्यवस्था की फिजा नहीं बना सकते। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जवाबदेही बनती है। जो लोग कल तक एसपी सरकार में कानून-व्यवस्था पर प्रश्न खड़ा करते थे अब उन्होंने चुप्पी साध रखी है।”
बता दें कि इससे पहले 2 जुलाई को भी मुजफ्फरनगर के सलारपुर में पुलिसकर्मियों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाकर गैंगस्टर रोहित सांडू को अपराधियों ने छुड़ा लिया था। हालांकि, एक दिन पहले रोहित सांडू और उसके तीन साथियों को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर किया है।
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