2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा गर्माता जा रहा है। सोमवार को अयोध्या में महंत नृत्यगोपाल दास के जन्म दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि राम मंदिर का मुद्दा समाधान की तरफ बढ़ रहा है और अयोध्या में राम मंदिर बनकर रहेगा। साधु-संतों को साधने की कोशिश करते हुए योगी ने सवाल किया कि संतों को मंदिर निर्माण को लेकर संदेह क्यों हो रहा है? योगी ने अपने भाषण में कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस 2019 के बाद राम मंदिर मामले की सुनवाई की साजिश रच रही है। हालांकि, योगी ने साधु-संतों को इस बात का ध्यान दिलाया कि सभी को विधायिका और कार्यपालिका का ध्यान रखना होगा।
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इससे पहले सोमवार की सुबह योगी ने कन्नौज में एक कार्यक्रम के दौरान दलितों के बहाने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी पर निशाना साधा। योगी ने कहा कि जब बीएचयू में दलितों को आरक्षण मिल सकता है तो फिर एएमयू और जामिया में दलितों को आरक्षण क्यों नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग बीजेपी को दलित विरोधी बता रहे हैं, वे लोग एएमयू और जामिया विश्वविद्यालयों में दलितों को आरक्षण दिये जाने की मांग कब करेंगे।
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सोमवार को ही राम मंदिर के निर्माण के मुद्दे को हवा देते हुए राम मंदिर न्यास समिति के संत रामविलास वेदांती ने दावा किया कि 2019 के पहले कभी भी अचानक मंदिर का निर्माण शुरू हो सकता है। वेदांती ने कहा कि मंदिर निर्माण की योजना तैयार है। हालांकि उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए वेदांती ने दावा किया कि 2019 के पहले अगर मंदिर निर्माण का फैसला नहीं हो पाता है तो उनके पास मंदिर निर्माण की वैकल्पिक योजना भी है। उन्होंने कहा, जिस तरह अचानक से विवादित ढांचा ध्वस्त किया गया था, उसी तरह से रातों-रात अचानक राम मंदिर की निर्माण भी शुरू हो सकता है। गौरतलब है कि रामविलास वेदांती राम मंदिर आंदोलन के अग्रिम पंक्ति के नेताओं में रहे हैं और बीजेपी से सांसद भी रह चुके हैं।
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वेदांती के इस दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए इस मामले में मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने सख्त लहजे में कहा कि ये सब राजनीतिक बयान है जो चुनाव को देखकर की जा रही है। अंसारी ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट का कोई भी निर्णय मानने के लिए तैयार हैं, भले ही वह उनके खिलाफ ही क्यों ना हो। उन्होंने कहा कि लेकिन अगर ये लोग अदालत के फैसले के बगैर मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं तो इसे सरकार को देखना चाहिए।
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