हरियाणा में गुरुग्राम और फरीदाबाद से आ रहे कोरोना संक्रमितों के डराते आंकड़ों के बीच लॉकडाउन के पांचवें चरण में सरकार ने छूट का दायरा कुछ और बढ़ा दिया है। टैक्सी और कैब में ड्राइवर समेत तीन लोग यात्रा कर सकते हैं। वहीं मैक्सी कैब में क्षमता से आधे लोगों को बैठाने की अनुमति दे दी गई है। वहीं सरकारी दफ्तरों में सौ फीसदी कर्मचारी काम पर आ सकते हैं, लेकिन 15 जून तक पब्लिक डीलिंग नहीं होगी।
हरियाणा परिवहन विभाग के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि टैक्सी और कैब एग्रीगेटर को चालक के अलावा दो व्यक्तियों के साथ चलने की अनुमति होगी। इस तरह कुल मिलाकर वाहन में 3 व्यक्ति यात्रा कर सकेंगे। मैक्सी कैब अपनी बैठने की क्षमता के आधे लोगों के साथ चलाई जा सकती हैं। ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा में चालक के अलावा 2 व्यक्तियों के बैठने की अनुमति होगी। इसी तरह दोपहिया वाहनों पर ‘वन पिलियन राइडर’ को अनुमति दी जाएगी और दोनों के लिए हेलमेट, मास्क और दस्ताने पहनना अनिवार्य होगा। हाथ से संचालित (मैनुअली ड्राइवन) रिक्शा में 2 से अधिक यात्रियों को नहीं बैठाया जाएगा।
वहीं कन्टेनमेंट जोन में केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति होगी। कन्टेनमेंट जोन के अंदर केवल आपातकालीन और आवश्यक वस्तुओं या सेवाओं के वाहनों के लिए अनुमति दी जाएगी। सभी चालकों और यात्रियों को अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने और नियमित रूप से इस ऐप पर अपनी स्वास्थ्य स्थिति अपडेट करने की सलाह दी गई है।
प्रवक्ता ने बताया कि रात्रि 9 बजे से सुबह 5 बजे के बीच आवश्यक गतिविधियों को छोड़कर लोगों की आवाजाही पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, अस्वस्थ व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को आवश्यक और स्वास्थ्य उद्देश्यों को छोडक़र घर पर रहने के लिए कहा गया है। मोटर वाहनों को नियमित रूप से सैनेटाइज करने और चालकों और यात्रियों को नियमित रूप से सैनेटाइजऱ का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी टैक्सी, ऑटो स्टैंड पर हैंड वाश और सैनेटाइजर उपलब्ध करवाना होगा।
इसके अलावा, सरकार ने अपने सभी कार्यालयों में ग्रुप-ए और बी के शत-प्रतिशत अधिकारियों की उपस्थिति की अनुमति दी है। सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन के लिए कार्यालय में पर्याप्त स्थल उपलब्ध होने पर ग्रुप-सी एवं डी के 75 से 100 प्रतिशत तक कर्मचारियों को कार्यालय बुलाने का निर्णय लिया गया है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 30 मई को सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति के संबंध में जारी संशोधित दिशानिर्देशों का अनुपालन करते हुए लिया गया है। विभागाध्यक्ष, कार्यालयाध्यक्ष और उपायुक्त अपने आकलन के अनुसार कर्मचारियों को कार्यालय बुला सकते हैं, ताकि कार्यालय में अधिक भीड़ न हो। इसके अतिरिक्त, जो कर्मचारी घर से कार्य कर सकते हैं, उन्हें घर से कार्य करने की अनुमति भी दी जा सकती है।
उन्होंने बताया कि कार्यालयों में ग्रुप सी और डी के कर्मचारियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए मुख्यालय और जिला कार्यालयों में ग्रुप-सी और डी के कर्मचारियों की ड्यूटी का साप्ताहिक रोस्टर तैयार किया जाएगा। ऐसे कर्मचारियों को एक-एक सप्ताह छोड़क़र कार्यालय आने को कहा जाएगा। प्रथम सप्ताह के रोस्टर में ऐसे कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा, जो कार्यालय के निकट रहते हैं और कार्यालय आने के लिए अपने वाहन का इस्तेमाल करते हैं। यदि किसी कर्मचारी का आवास कंटेनमेंट जोन में आता है तो ऐसा कर्मचारी उस समय तक कंटेनमेंट जोन को नहीं छोड़ेगा, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा ‘जोन डिक्लेरेशन आर्डर’ वापस नहीं ले लिया जाता है।
प्रवक्ता ने बताया कि कार्यालय आने वाले सभी कर्मचारियों को अपने स्मार्ट फोन पर ‘आरोग्य सेतु’ मोबाइल ऐप इंस्टाल करना होगा। कार्यालयों, फाइलों, उपकरणों, कैंटीन और वाहनों का नियमित सैनेटाइजेशन सुनिश्चित करना होगा।
प्रवक्ता ने बताया कि 15 जून तक कार्यालयों में पब्लिक डीलिंग नहीं होगी। इसके अतिरिक्त, कार्यालय भवनों में एयरकंडीशनर को चलाने के संबंध में लोक निर्माण (भवन एवं सड़क़ें) विभाग द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सरकारी कार्यालयों में कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया के क्रियान्वयन के बारे में नियमित जांच की जाएगी और कभी-कभी कर्मचारियों की जांच के लिए नमूने भी लिए जाएंगे।
ग्रुप सी और डी के 75 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति से संबंधित आदेश आवश्यक सेवा श्रेणी के तहत आने वाले मुख्य सचिव, राजस्व विभाग, स्वास्थ्य, गृह, कृषि, जनस्वास्थ्य, विकास एवं पंचायत, बिजली, सिंचाई, शहरी स्थानीय निकाय, चिकित्सा शिक्षा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, सहकारिता, वित्त, आबकारी एवं कराधान, सूचना एवं जनसंपर्क, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभागों और उनकी घटक इकाइयों (नगर निकाय, बोर्ड, निगम, मिशन, सोसायटी आदि) पर लागू नहीं होगा।
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