लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजने से पहले कोलकाता ब्रिगेड परेड ग्राउंड में विपक्षी ताकत का गवाह बनने वाला है। शनिवार 19 जनवरी को हो रही विपक्षी एकजुटता के प्रदर्शन वाली साल की इस पहली बड़ी रैली में सभी बड़े नेता कोलकाता पहुंच गए हैं। इस रैली में विपक्ष एकजुट होकर आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को परास्त करने का प्रण लेगा।
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रैली में शामिल होने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी, डीएमके मुखिया एमके स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला, वरिष्ठ नेता शरद यादव, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव कोलकाता पहुंच चुके हैं।
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इन नेताओं के अलावा बीएसपी प्रमुख मायावती के प्रतिनिधि सतीश चंद्र मिश्र, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – एनसीपी प्रमुख शरद पवार, राष्ट्रीय लोक दल - आरएलडी के अजित सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी भी तृणमूल प्रमुख के साथ मंच साझा करेंगे। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग भी इस रैली में शामिल होंगे। अपांग ने मंगलवार को ही बीजेपी से नाता तोड़ा है।
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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी किसी कारण इस रैली में नहीं जा पा रहे हैं, लेकिन उनकी तरफ से पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अभिषेक मनु सिंघवी शामिल होंगे।
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर अपना समर्थन देने की बात कही है। पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा है, 'पूरा विपक्ष एकजुट है। मैं ममता दी को इस रैली के लिए अपना समर्थन देता हूं और आशा करता हूं कि हम एकजुट भारत का शक्तिशाली सन्देश देंगे।'
उन्होंने यह भी कहा कि पूरा विपक्ष इस विश्वास के प्रति एकजुट है कि सच्चे राष्ट्रवाद और विकास की रक्षा लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता जैसे उन मूल्यों के आधार पर करनी है जिनको नरेंद्र मोदी सरकार नष्ट कर रही है। उन्होंने लिखा है कि. “हम बंगाल के लोगों की सराहना करते हैं जो ऐतिहासिक रूप से हमारे इन मूल्यों की रक्षा करने में आगे रहे हैं।“
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इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह रैली लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी के लिये ‘मृत्यु-नाद’ की मुनादी होगी। तृणमूल को उम्मीद है कि इस रैली से ममता ऐसे नेता के तौर कर उभरकर सामने आयेंगी जो ‘अन्य दलों को साथ लेकर’ चल सकती हैं। ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा था कि लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियां निर्णायक कारक साबित होंगी। उन्होंने कहा, ‘बीजेपी के कुशासन के खिलाफ यह ‘संयुक्त भारत रैली’ होगी।'
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इस बीच शुक्रवार को ममता बनर्जी ने रैली स्थल पहुंचकर तैयारियों का जायज़ा लिया।
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