दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे और एलजेपी के मुखिया चिराग पासवान को एक और झटका लगा है। चाचा समेत पांच सांसदों की बगावत के एक दिन बाद उन्हें एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी हटा दिया गया है। चाचा पशुपति पारस के समर्थक नेताओं ने चिराग को पद से हटाते हुए सूरजभान सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। साथ ही उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव कराने का प्रभार भी दिया है।
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एलजेपी के पांच सासंदों के बगावत के बाद पशुपति पारस को लोकसभा में पार्टी के नेता के तौर पर मान्यता मिलने के एक दिन बाद मंगलवार को पारस के समर्थक नेताओं ने पार्टी के संविधान का इस्तेमाल करते हुए चिराग को लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पद से हटा दिया। पशुपति पारस के समर्थक नेताओं का कहना है कि चिराग पासवान तीन पदों पर एक साथ काबिज थे। बताया जा रहा है कि अब पशुपति कुमार पारस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह 20 जून तक कार्यभार संभाल सकते हैं।
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इससे पहले चिराग ने भी बगावत पर कड़ा कदम उठाते हुए चाचा समेत पांचों बागी सांसदों को आज पार्टी से निलंबित कर दिया। चिराग ने मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर यह फैसला लिया। इसके मुताबिक, पशुपति पारस, प्रिंस राज, वीणा देवी, महबूब अली कैसर और चंदन सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोपी पाया गया। ऐसे में इन सभी को पार्टी की सक्रिय सदस्यता से निलंबित कर दिया गया। चिराग के इस फैसले के बाद उनके समर्थकों ने पटना में एलजेपी कार्यालय के बाहर पशुपति कुमार पारस समेत पांचों बागी सांसदों के पोस्टरों पर कालिख पोती और जमकर प्रदर्शन किया।
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बता दें कि बिहार के दिवंगत कद्दावर नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी पार्टी एलजेपी पिछले दो दिनों से बगावत के कारण हिली हुई है। इस समय लोकसभा में एलजेपी के कुल छह सांसद हैं, जिनमें से पांच सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और प्रिंस राज ने चिराग पासवान की जगह उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया। इसके बाद उनके आग्रह पर लोकसभा अध्यक्ष ने भी पारस को सदन में एलजेपी के नेता के तौर पर मान्यता दे दी। इसके एक दिन बाद आज दोनों खेमों ने एक दूसरे पर कार्रवाई की है।
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