पूरी दुनिया इस वक्त बेसब्री के साथ एक ऐसे टीके के इंतजार में है जिसका इस्तेमाल कोरोना वायरस के खिलाफ किया जा सके। वर्तमान में कई देशों में इस वक्त कोविड-19 से लड़ने के लिए वैक्सीन ट्रायल स्तर पर है। रूस और चीन जैसे देशों में तो वैक्सीन पर काम तेज गति से हो रहा है और कई चरणों को पार कर चुका है।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेस ने कोरोना वायरस को हराने और टीका विकसित करने के लिए दुनिया के सभी देशों को साथ आने को कहा है। उन्होंने कहा, "हमें ऐसी वैक्सीन की जरूरत है जो किफायती हो और सबके लिए उपलब्ध हो। एक तरह से जनता की वैक्सीन।" उन्होंने कहा कि इस वक्त दुनिया के लिए सबसे बड़ा कोई खतरा है तो वह कोरोना वायरस है।
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अंटोनियो गुटेरेस ने कहा, "अभी से वैक्सीन को वैश्विक जनता की भलाई के लिए माना जाना चाहिए, क्योंकि कोविड-19 किसी सीमा को नहीं मानता है।" गुटेरेस ने डब्ल्यूएचओ द्वारा वैक्सीन पर तेजी से काम करने पर आगे बढ़ने के लिए बड़े पैमाने पर फंडिंग की अपील की है। अभी 170 से अधिक देशों में कोवैक्स को लेकर पहल पर बातचीत चल रही है। हालांकि, अमेरिका इस वैश्विक कोशिश में शामिल होने से इनकार कर चुका है।
डब्ल्यूएचओ कोरोना की वैक्सीन विकसित करने और उसे पूरी दुनिया में समान रूप से पहुंचाने की कोशिश में है। गुटेरेस का कहना है कि अकेले टीकाकरण से इस संकट को हल नहीं किया जा सकता है, खासकर निकट समय में। उनके मुताबिक मौजूदा उपकरणों का विस्तार किया जाना चाहिए और मरीजों तक इलाज पहुंचाना चाहिए।
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दुनिया में वैक्सीन को लेकर बढ़ती गलत जानकारी पर उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि दुनिया में अविश्वास चारों ओर बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए प्रयास किए जाने की जरूरत है। यूएन महासचिव ने बुधवार को एक रिपोर्ट भी जारी की, जिसमें बताया कि यूएन ने कोरोना वायरस की शुरुआत के बाद देशों की मदद के लिए क्या-क्या कदम उठाए और दुनिया को अभी क्या करना चाहिए।
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इसी महीने 22 सितंबर से संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक शुरू होने वाली है और इसमें दुनिया भर के नेता इस गंभीर संकट पर अपना मत रखेंगे। हर साल होने वाली इस बैठक में दुनिया भर से हजारों प्रतिनिधि हिस्सा लेने न्यूयॉर्क पहुंचते हैं, लेकिन इस साल कोरोना के खतरे को देखते हुए यूएन ने देश के प्रमुखों को वीडियो स्पीच देने को कहा है।
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