सितंबर 2023 में उज्जैन में एक रूह कंपाने वाली घटना हुई थी। इस घटना की वीडियो ने लोगों को अंदर तक तोड़कर रख दिया था। 12 साल की रेप पीड़िता को अर्ध नग्न अवस्था में, खून से लथपथ होकर सड़क पर मदद के लिए घुम रही थी, लेकिन किसी को उसपर तरस नहीं आई। तकरीबन 2.5 घंटे तक चलने के बाद एक आश्रम के बाहर वो बेहोश हो गई। बाद में एक संन्यासी ने उसकी मदद की और फिर पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के बाद वो 12 अक्टूबर को अपने घर चली गई। इस मामले में जब आरोपी पकड़ा गया तो सरकार ने बड़े-बड़े वायदे किए थे। अब पीड़िता अपने घर पर है लेकिन सरकार पर संगीन आरोप लग रहे हैं।
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एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक 12 साल की नाबालिग रेप पीड़िता ज़िला सतना की रहने वाली है। पीड़िता के दादा का आरोप है कि उन्हें ज़िला प्रशासन से और गांव के सरपंच से कोई मदद नहीं मिली। उस वक्त मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस घटना को लेकर कहा था कि इस घटना ने मध्यप्रदेश की आत्मा को घायल किया है। वो मध्यप्रदेश की बेटी और हम हर तरह से उसकी चिंता करेंगे। उसका ख्याल रखेंगे।
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पीड़िता का घर सतना मुख्यालय से ज्यादा दूर भी नहीं है, उसका घर वहां से सिर्फ 20 किलोमीटर ही दूर है। घटना को करीब एक महीने भी हो गए हैं, लेकिन शासन-प्रशासन के किसी अधिकारी ने उसके घर तक पहुंचने की जहमत नहीं उठाई और न ही उसे कोई सरकारी मदद मिली है। पीड़ित एक फूस की झोपड़ी में रहती और घर में अब भी मिट्टी का चूल्हा है। बाहर जाने के नाम पर वह अपनी चाची के साथ करीब 300 मीटर दूर स्थित नल तक ही जाती है। वहीं गांव में छुआछूत भी चरम पर है। आंकड़े भी बताते हैं कि मध्य प्रदेश में दलितों की हालत बहुत बेहतर नहीं है।
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रिपोर्ट के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में ही दलितों पर अत्याचार किया जाता है। 2021 में देश में दलितों के खिलाफ अपराध के 50,000 हजार मामले सामने आए थे, वहीं अकेले मध्यप्रदेश में अपराध का यह आंकड़ा 7,211 था। 2021 में दलितों के खिलाफ देशभर में अपराध की दर 25.3 प्रतिशत थी, जबकि मध्यप्रदेश में ये दर 63.6 प्रतिशत के करीब थी।
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राज्य में चुनाव नजदीक है, घटना के वक्त बड़े वादे भी किए गए, लेकिन जिस तरह की पीड़िता को अब तक मदद मिली है, उसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक पीड़ित के घर लौटने के बाद सबसे बड़ी मदद इलाके के बीजेपी उम्मीदवार सुरेन्द्र सिंह गरेवार की ओर से मिली है। नेताजी हालचाल पूछने के लिए और 1500 रुपये की मदद दे गए, जिससे परिवार घर का राशन ला सके। इसके अलावा परिवार को सरकार से जो इकलौती मदद मिली है वो है 600 रुपये की हर महीने की सामाजिक न्याय पेंशन है।
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