सुप्रीम कोर्ट में आधार मामले की सुनवाई के दौरान यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडेय ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया। सीईओ ने माना कि आधार में दिक्कतें हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आधार के जरिए 100 फीसदी सफल प्रमाणीकरण मुमकिन नहीं है। अजय भूषण पांडेय ने कोर्ट से कहा कि बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के अलावा दूसरा विकल्प भी तैयार करना होगा।
Published: 22 Mar 2018, 6:13 PM IST
यूआईडीएआई के सीईओ ने कहा कि इंटरनेट और मशीन के साथ कभी भी कोई दिक्कत आ सकती है। ऐसे में जरूरी है कि बायोमैट्रिक के अलावा प्रमाणीकरण की दूसरी व्यवस्था भी की जाए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि फिलहाल ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है, जिसके तहत अगर बायोमैट्रिक्स मैच न हो, तो लोगों को जरूरी सेवाओं के लाभ से वंचित न किया जाए। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि आधार एक्ट सेक्शन 7 ऐसी ही दिक्कतों से निपटने की बात करता है।
कोर्ट में आधार पर पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के दौरान अजय भूषण पांडेय ने कहा कि यूआईडीएआई की तरफ से इस बारे में समय-समय पर सर्कुलर जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में सरकार के मंत्रियों से भी कई बार कहा गया कि सिर्फ बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण पर निर्भर नहीं रहा जा सकता।
Published: 22 Mar 2018, 6:13 PM IST
इससे पहले बुधवार यानी 21 मार्च को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आधार की सुरक्षा पर उठे सभी सवालों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि भष्टाचार खत्म करने के लिए आधार को लागू करना एक अहम कोशिश है। उन्होंने कोर्ट को यह भी कहा था कि आधार का डाटा सेंट्रल आईडेंटिटीज रिपॉजिटरी में 10 मीटर ऊंची और 4 मीटर चौड़ी दीवार के पीछे सुरक्षित है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल के इस बयान की काफी आलोचना हुई और कहा गया कि डिजिटल डाटा को बंद कमरे में कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।
आधार योजना की उपयोगिता को लेकर अटॉर्नी जनरल ने संविधान पीठ के सामने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बयान का भी जिक्र किया था। वेणुगोपाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि केंद्र सरकार योजनाओं के तहत 1 रुपया जारी करती है तो लाभार्थी तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है, और 85 पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि आधार से इस तरह की रिश्वत और कमीशनखोरी पर लगाम लगेगी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि पेंशन भुगतान के लिए रिटायर्ड कर्मचारियों और अधिकारियों के आधार की क्या जरूरत है? क्योंकि सरकार के पास उनकी पहचान पहले से ही मौजूद रहती है। कोर्ट ने यह सवाल विदेश में बसे पेंशनधारी भारतीयों की याचिका को लेकर सरकार से किया। याचिका में कहा गया था कि आधार सिर्फ भारतीय नागरिकों का ही बनता है, ऐसे में उनकी पेंशन आधार को अनिवार्य करने के चलते रुक गई है। कोर्ट के सवाल पर केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि कानूनी खामियों को दूर किया जा रहा है।
Published: 22 Mar 2018, 6:13 PM IST
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Published: 22 Mar 2018, 6:13 PM IST