पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में आरएलडी नेता जयंत चौधरी की किसान महापंचायत कवर करने पहुंचे एबीपी न्यूज चैनल के युवा पत्रकार रक्षित सिंह ने भरे मंच से अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। इस्तीफा देते समय रक्षित ने कहा कि उसे चैनल की तरफ से आदेश मिला था कि वह पंचायत में पहुंचकर खाली कुर्सियां दिखाते हुए बताए कि किसान पंचायत फ्लॉप हो गई है। उसने कहा कि "मेरा जमीर गवाही नहीं देता कि मैं सच्चाई के बजाए कुछ और दिखाऊं या बोलूं।"
आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने रक्षित के इस कदम की तारीफ की है।
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इस्तीफा का ऐलान करने के बाद रक्षित सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से वीडियो संदेश जारी कर सारी बात सामने रख दी है। उन्होंने कहा कि कई लोग उनके इस कदम को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं। लेकिन उनका इरादा कुछ और करने के बजाए सिर्फ पत्रकारिता ही करने का है।
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रक्षित सिंह के इस कदम की चौतरफा तारीफ हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मकार विनोद कापड़ी ने रक्षित सिंह को शाबाशी देते हुए कहा है कि काश ऐसी ही रीढ़ बाकी पत्रकारों और संपादकों की भी होती।
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रक्षित सिंह ने किसान महापंचायत में सैकड़ों लोगों के सामने इस्तीफा देते हुए कहा कि "मेरा मकसद सच दिखाना था लेकिन मुझे रोका जा रहा है - इसलिए नौकरी छोड़ रहा हूं।" रक्षित सिंह ने कहा कि "मैं उस दिन का इंतजार नही कर सकता जब मेरा बेटा मुझसे सवाल करेगा कि बापू जब देश में अघोषित इमरजेंसी थी तो आपने क्या किया था !
वयोवृद्ध पत्रकार आरपी तोमर ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ज़मीनी पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। टीवी एंकर जो कुछ भी परोस रहे हैं वो लोगों के गुस्से का सबब बनता जा रहा है। अफसोस यह है कि देश मे पक्षकारिता हो रही है और पत्रकारिता मरती जा रही है।
(आस मोहम्मद कैफ के इनपुट के साथ)
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