यूपी और बिहार की 3 लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में बीजेपी को मिली करारी हार के बाद एनडीए में भगदड़ जैसी स्थिति नजर आने लगी है। अब एनडीए के मौजूदा सहयोगियों का भी उसके ऊपर से विश्वास डगमगाता नजर आ रहा है। इसका आगाज करते हुए तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने भी एनडीए को अलविदा कह दिया है। इसके अलावा बीजेपी के अन्य सहयोगी दलों में भी भगदड़ मचती दिखाई दे रही है। एनडीए की खास सहयोगी और केंद्र सरकार में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी ने भी कुछ ऐसे ही संकेत देने शुरू कर दिए हैं।
एलजेपी नेता चिराग पासवान ने उत्तर प्रदेश लोकसभा उपचुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “गोरखपुर जो कि मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यानथ का गढ़ है, वहां बीजेपी का हारना चिंता का विषय है। बीजेपी को अपनी रणनीति पर दोबारा काम करने की जरूरत है, खास तौर पर तब जब आप केंद्र और उत्तर प्रदेश में बड़ी बहुमत में हैं।”
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चिराग पासवान से पहले उनके पिता और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान ने भी मीडिया से बात करते हुए ऐसे ही संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में लोकसभा उपचुनाव के नतीजे चिंताजनक हैं। गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर बीजेपी का हारना चिंता का विषय है और यह एनडीए के लिए नई रणनीति तय करने का मौका है।”
एनडीए की लंबे समय से परंपरागत सहयोगी शिवसेना ने पहले से ही बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। एनडीए से टीडीपी के अलग होने के फैसले पर शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, “टीडीपी ने बीजेपी से नाता तोड़ा है, हम भी लगभग टूट चुके हैं। हम मजबूरी में बीजेपी के साथ हैं।” यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी की 110 सीटें कम हो रही हैं। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में हारना बीजेपी के लिए बड़े खतरे की घंटी है।
वहीं, आरजेडी ने भी टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करते हुए एनडीए पर सवाल खड़े किए हैं। एक टीवी चैनल से बात करते हुए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि वह टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव के साथ हैं। उन्होंने टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव को जायय ठहराते हुए कहा कि हम भी बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बारे में तेजस्वी यादव ने कहा, “रामविलास पासवान की पार्टी के कई नेता हमारे संपर्क में हैं। वे सभी हमारे साथ गठबंधन में शामिल होना चाहते हैं। इस बात को रामविलास पासवान को समझना होगा। उपेंद्र कुशवाहा भी बीजेपी से नाराज चल रहे हैं।” तेजस्वी ने आगे कहा कि पहले जीतन राम मांझी हमारे साथ नहीं आना चाहते थे, लेकिन वे भी आ गए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को छोड़कर जो भी उनके साथ आना चाहें, उनका स्वागत है।
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