मतगणना से एक दिन पहले, गोवा के तटीय राज्य में एग्जिट पोल की भविष्यवाणी के मुताबिक, अगर खंडित जनादेश हासिल हुआ तो तृणमूल-एमजीपी गठबंधन, किंगमेकर के रूप में उभर सकता हैं। जहां तृणमूल कांग्रेस चुनाव के बाद के परिश्य पर टिप्पणी नहीं कर रही है, वहीं गोवा में पार्टी के लिए प्रचार कर रहे अशोक तंवर ने कहा कि लोग बदलाव चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस वह विकल्प नहीं दे पा रही है और परिणाम यह साबित करेंगे। गोवा में हमारा गठबंधन नतीजे आने के बाद कार्रवाई की दिशा तय करेगा।
तृणमूल कांग्रेस गोवा में महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ गठबंधन में है। सूत्रों ने कहा कि तृणमूल नेताओं को इस बारे में निश्चित नहीं है कि एमजीपी किस दिशा में आगे बढ़ेगी क्योंकि पार्टी का झुकाव भाजपा की ओर है और तृणमूल भाजपा के किसी भी कदम का समर्थन नहीं करेगी।
त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में कांग्रेस गोवा में छोटे दलों तक पहुंच रही है क्योंकि भाजपा ने पहले ही अपने अभियान की रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने कर्नाटक पार्टी प्रमुख डी.के. शिवकुमार गोवा में राज्य में चुनाव बाद के कार्यों की निगरानी करने के लिए कहा है।
कांग्रेस छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए भाजपा के प्रयासों से सावधान है। पार्टी के पास आशंकित होने का कारण है क्योंकि 2017 में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस सरकार नहीं बना सकी थी। पार्टी दिगंबर कामत और लुइजि़न्हो फलेरियो के बीच मुख्यमंत्री बनने का फैसला नहीं कर सकी थी। अब फलेरियो तृणमूल में चले गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व तृणमूल, राकांपा और आम आदमी पार्टी (आप) जैसी पार्टियों तक पहुंचेगा, जबकि शिवकुमार विधायकों से अलग-अलग बात करेंगे और राज्य में कांग्रेस को संभालने की कोशिश करेंगे।
तृणमूल किसी भी कदम के बारे में चुप्पी साधे हुए है और कह रही है कि परिणाम आने पर ही पार्टी तय करेगी कि उसे क्या करना है क्योंकि वह भाजपा और कांग्रेस दोनों से समान दूरी बनाए है।
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