गुजरात की भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के नेता और झागड़िया से विधायक छोटूभाई वसावा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखकर आशंका जताई है कि उन्हें किसी फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है, लिहाजा उन्हें जल्द से जल्द पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
Published: 25 Jun 2020, 6:09 PM IST
छोटूभाई वसावा ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा है कि वह और उनके पुत्र सामाजिक न्याय के लिए अपनी आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा, "गुजरात में जातीय विभाजन विद्रोह की स्थिति में पहुंच गया है। इन ताकतों का विरोध करने के कारण हमारी जान को खतरा है।" उन्होंने कहा कि अतीत में भी गुजरात सरकार और पुलिस ने असामाजिक तत्वों के साथ मिलकर राजनीतिक साजिश रची थी और फर्जी मुठभेड़े की कोशिश की थी।
Published: 25 Jun 2020, 6:09 PM IST
भरतीय ट्राइबल पार्टी नेता छोटूभाई वसावा ने पहले भी किसी फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने की आशंका जाहिर की थी। साल 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें एक फर्जी मुठभेड़ में खत्म करने की एक राजनीतिक साजिश रची गई थी।
Published: 25 Jun 2020, 6:09 PM IST
गौरतलब है कि बीटीपी प्रमुख और देदियापाड़ा से विधायक उनके बेटे महेश वसावा ने पिछले शुक्रवार को गुजरात से राज्यसभा की चार सीटों के लिए हुए चुनाव में वोट नहीं दिया था। चूंकि चौथी सीट के लिए लड़ाई बहुत कांटे की थी, लिहाजा सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस दोनों पार्टियां चाहती थीं कि बीटीवी उनके उम्मीदवार को वोट दे, लेकिन पिता-पुत्र ने मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया।
Published: 25 Jun 2020, 6:09 PM IST
राज्यसभा चुनाव में वोट न देने के पीछे के कारण के बारे में छोटूभाई वसावा ने कहा कि अनुसूची 5 और जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों को लागू न करने के कारण उन्होंने वोट नहीं दिया। उन्होंने कहा कि न तो बीजेपी ने जनजातियों के अधिकारों का समर्थन किया और न ही किसी अन्य दल ने।
Published: 25 Jun 2020, 6:09 PM IST
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Published: 25 Jun 2020, 6:09 PM IST