नोएडा स्थित करीब 100 मीटर ऊंची सुपरटेक ट्विन टावर गिराने के लिए एक ट्रायल रविवार को शुरू हो गया। इस इमारत को 22 मई को जमींदोज कर दिया जाएगा। भारत में इतनी ऊंची इमारत पहली बार गिराई जाएगी। 32 मंजिला ट्विन टॉवर को ढहाने का काम मुंबई की एडिफिस एजेंसी को दिया गया है। कंपनी ने दक्षिण अफ्रीका की कंपनी डेमोलिशन एजेंसी को इस काम के लिए अपना सहयोगी बनाया है, ट्रायल के लिए इमारत में 5 किलो वोस्फोटक लगाया जाएगा और 5 धमाके किए जाएंगे।
ये टावर सुपरटेक बिल्डर ने अवैध तरीके से बनाए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्त करने का आदेश दिया था।
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इमारत को गिराने की तैयारी के बीच इमारत के आस पास पुलिस बल तैनात किया गया है और उस सड़क को भी बंद कर दिया गया है। स्थानीय लोगों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है, जिसके तहत विस्फोट के वक्त पड़ोसी इमारतों के लोग बाहर नहीं निकलेंगे।
ट्विन टावर को तोड़ने में करीब 18 करोड़ का खर्च आएगा, अंदाजा है कि इमारत से करीब 25 हजार टन मलबा निकलेगा। हालंकि अभी बेसमेंट और 14वें फ्लोर में वोस्फोटक की मदद से ब्लास्ट किया जाएगा और इमारत की 5 पिलर में किया ब्लास्ट किया जाएगा।
पुलिस सुरक्षा में यह 5 किलो विस्फोट मंगाया गया है, इस ट्रायल के बाद टीमें यह अनुमान लगा सकेंगी कि पूरी इमारत के लिए कितना विस्फोट की जरूरत पड़ने वाली है। वहीं इमारत में ड्राई रन से ठीक पहले एक सायरन बजाया जाएगा, ताकि लोग एतिहात बरत सकें।
जानकारी के अनुसार, अफ्रीका की जेट डेमोलिशन 108 मीटर की बिल्डिंग अफ्रीका में पहले गिरा चुकी है। ट्रायल ब्लास्ट के दौरान एडिफिस इंजीनियरिंग के वरिष्ठ अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ जेट डिमोलिशन के प्रबंध निदेशक जो ब्रिंकमैन, विस्फोट डिजाइन और सुरक्षा प्रमुख मार्थिनस बोथा व सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) भी मौजूद रहेंगे।
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