सरकार ने तीन सरकारी बैंकों, देना बैंक, विजया बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा को मिलाकर एक नया बैंक बनाने की घोषणा की है। लेकिन हैरानी की बात यह कि इन बैंकों के बड़े आधिकारियों को ही इस बात की जानकारी नहीं है। इकनॉमिक टाइम्स अखबार की खबर के मुताबिक, जब इन बैंकों के बडे़ आधिकारियों को सरकार ने बैठक के लिए बुलाया तो उन्हें इस बात की खबर ही नहीं थी कि आखिर उन्हें किस लिए बुलाया जा रहा है। उनका कहना था कि जब सरकार इस तरह का फैसला लेती है तो वित्त मंत्रालय के अधिकरी पहले इस बारे में बैंक को जानकारी देते हैं, उसके बाद ही प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है।
सरकार के मुताबिक इन तीन बैंकों के विलय के बाद जो देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा और उसका संयुक्त कारोबार 14.82 लाख करोड़ रुपये का होगा। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यह घोषणा की और कहा कि सरकार ने तीनों बैंकों के निदेशक मंडल को इस प्रस्ताव पर विचार करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि जबतक तीनों बैंकों के निदेशक मंडल द्वारा यह प्रस्ताव पारित नहीं कर दिया जाता है, तब तक ये बैंक स्वतंत्र रूप से कामकाज करते रहेंगे। विलय के बाद बने बैंक के नाम पर विलय के दौरान विचार किया जाएगा।
जेटली ने कहा कि इस विलय से टिकाऊ बड़ा बैंक पैदा होगा, जो देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। पिछले डेढ़ साल में दूसरी बार सरकारी बैंकों का विलय किया जा रहा है।
Published: undefined
जेटली ने कहा, "वैकल्पिक प्रक्रिया के तहत आज (सोमवार को) यह फैसला किया गया है और बैंकों के निदेशक मंडलों को इस पर फैसला करने का प्रस्ताव भेजा गया है। निदेशक मंडल की बैठक में विचार-विमर्श के बाद इस पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।"
उन्होंने कहा, "उम्मीद है कि इससे एक और बड़ा बैंक पैदा होगा, जो टिकाऊ होगा। विलय के बाद बना बैंक अपने बैकिंग परिचालन को बढ़ाएगा।"
पिछली बार सरकार ने पांच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में एक अप्रैल, 2017 को विलय किया था। इसके बाद देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल हो गया।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined