हालात

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के तीन साल, किसानों-गरीबों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के ऐसे बदले हाल

छत्तीसगढ़ में सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने मिलकर आदिवासियों, किसानों, महिलाओं, मजदूरों को प्राथमिकता में रख कर योजनाओं का निर्माण किया।

फोटो: IANS
फोटो: IANS 

छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने तीन साल पूरे कर लिए हैं, यह तीन साल सियासी टकराव, उठापटक के साथ चुनौती भरे रहे है। देश और दुनिया के साथ कोरोना महामारी की मार से यह राज्य भी अछूता नहीं रहा, लेकिन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने की कोशिशें मील का पत्थर साबित हो रही है। इसके साथ ही आमजन में स्वाभिमान जगाने में 'छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया' जैसे नारों ने भी बड़ी भूमिका निभाई है।

राज्य में कांग्रेस की सरकार किसानों का कर्ज माफ करने का बड़ा वादा देकर सत्ता में आई थी, साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव लाने के लिए चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी नरवा (नाला), गरवा (पशु व गोठान), घुरवा (कचरे से खाद) अउ बाड़ी (घर के पिछवाड़े का सब्जी का बगीचा) एला बचाना है संगवारीं, का नारा बुलंद करते हुए वादे किए गए। इस पर काम सरकार के लिए एक तरफ चुनौती भरा था तो दूसरी तरफ कोरोना जैसी महामारी ने बड़े जख्म दिए।

Published: undefined

सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने मिलकर आदिवासियों, किसानों, महिलाओं, मजदूरों को प्राथमिकता में रख कर योजनाओं का निर्माण किया। इस दौरान 11 लाख किसानों का 9 हजार करोड़ रुपये ऋण माफ करने और किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदी और बिजली बिल हाफ करने का फैसला कर बड़े वर्ग को राहत देने की कोशिश की।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिए हितग्राहियों के खाते में नगद हस्तांतरण से अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिली। ग्रामीणों के जीवन में अब बदलाव भी नजर आने लगा है। किसान जैविक खेती की ओर लौटने लगे हैं। जैविक खेती से लागत हुई आधी, उत्पादन भी दो से तीन गुना तक बढ़ने लगा है।

Published: undefined

कृषि मंत्री रवींद्र चोबे का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिये जिस समृद्धि की नींव रखी थी, अब वह साकार होती दिख रही है। ग्रामीणों के जीवन में अब बदलाव आने लगा है। किसान जैविक खेती की ओर लौटने लगे हैं।

छत्तीसगढ़ की मुख्य पहचान धान उत्पादक राज्य के तौर पर हैं यहां साल 2020-21 में राज्य गठन के बाद सर्वाधिक 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक की धान खरीदी हुई। इसके साथ ही यह राज्य जनजातीय बाहुल्य भी है और यहां वनोपजों के समर्थन मूल्य में वृद्धि का फैसला हुआ। वनोपज संग्रहण में छत्तीसगढ़ पिछले तीन वर्षों में लगातार पूरे देश में अव्वल है। वनोपज से आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है। वहीं, राज्य को वनोपज संग्रहण और प्रसंस्करण में 11 राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले।

Published: undefined

छत्तीसगढ़ में नई उद्योग नीति से तीन सालों में 1564 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई, 18 हजार 882 करोड़ रुपए की पूंजी निवेश आया। आम लोगों को सस्ती जेनेरिक दवाओं के लिए श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना शुरू की। इस मेडिकल स्टोर में जेनेरिक दवाएं 50 से 70 फीसदी सस्ते दामों पर मिल रही है।

राज्य में सरकार ने चुनाव से पहले बिजली बिल में रियायत का वादा किया था, सरकार का दावा है कि हाफ बिजली बिल योजना से निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत मिली है। 400 यूनिट तक बिजली की खपत पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी का लाभ 40 लाख उपभोक्ताओं को पहुंचा है।

Published: undefined

बीजेपी, भूपेश सरकार के तीन साल केा राज्य को 10 साल पीछे ले जाने वाला बताती है। पार्टी के प्रदेषाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ सरकार को तीन वर्षों में विफल सरकार और जनता को छलने और ठगने वाली सरकार बताया हैं। उन्होंने कहा कि तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ का प्रत्येक वर्ग अपने आप को छला और ठगा हुआ महसूस कर रहा हैं।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined