बंगाल की खाड़ी में आकार ले रहे चक्रवात जवाद के खतरे को देखत हुए ओडिशा और आंध्र प्रदेश सरकार ने तटीय जिलों के जिला प्रशासन से कच्चे घरों और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को निकालने के लिए कहा है। ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी. के. जेना ने बताया कि हमने जिला प्रशासन से कटक जिले के गंजम, खुर्दा, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और नियाली क्षेत्र के कच्चे घरों और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को निकालने के लिए कहा है।"
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जेना ने कहा कि स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों और निर्वाचित प्रतिनिधियों की मदद से बीडीओ, तहसीलदार और पुलिस अधिकारी निकासी प्रक्रिया में लगे रहेंगे। निकासी की प्रक्रिया शुक्रवार की दोपहर से ही शुरू कर दी गई है और यह शनिवार दोपहर तक समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों को आसपास के इलाकों में चक्रवात केंद्रों सहित सुरक्षित भवन में पहुंचाया जाएगा। हालांकि, हमने एक सामूहिक निकासी जारी नहीं की है क्योंकि अपेक्षित हवा की गति 100 किमी प्रति घंटे के साथ 90-100 किलोमीटर प्रति घंटा होने की उम्मीद है। अधिकतम लोगों को तट के करीब स्थित गांवों से निकाला जाएगा।
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आईएमडी के सुबह के बुलेटिन के अनुसार, "विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) से लगभग 580 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व में, गोपालपुर (ओडिशा) से 670 किमी दक्षिण-दक्षिण पूर्व और पारादीप (ओडिशा) से 760 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम के पास पश्चिम मध्य और उससे सटे दक्षिण बंगाल की खाड़ी में डीप डिप्रेशन केंद्रित है।" जेना ने कहा कि चक्रवात फिर से मोड़ लेगा और पुरी जिले के उत्तरी हिस्सों में इसके टकराने की संभावना है। उन्होंने संभावित प्रभावित क्षेत्र के लोगों को घर के अंदर रहने और समुद्र के किनारे नहीं जाने की सलाह दी।
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एसआरसी ने आगे बताया कि सभी मछुआरे समुद्र से वापस आ गए हैं और समुद्र की स्थिति सामान्य होने तक कोई भी समुद्र में प्रवेश नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ), दमकल कर्मियों को संभावित प्रभावित जिलों में तैनात किया जा रहा है। इस बीच, ओडिशा सरकार ने चक्रवात जवाद के मद्देनजर इस रविवार (4 दिसंबर) को साप्ताहिक अवकाश रद्द कर दिया है।
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एनडीआरएफ ने शुक्रवार को कहा कि उसने चक्रवात जवाद से पहले पूर्वी तटीय राज्यों में 46 टीमों को तैनात किया है, जिसके शनिवार की सुबह से तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करने और रविवार दोपहर को पुरी को छूने के आसार हैं। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 18 और ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश में 12-12 टीमें तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि हमने तीन राज्यों में से प्रत्येक के लिए जितनी टीमें मांगी गई थी, उतनी टीमों को तैनात किया है। उनकी तैनाती की स्थिति के बारे में निर्णय राज्य सरकार के परामर्श से होता है। हमने टीमों को पहले से तैनात कर दिया है।
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बता दें कि गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात जवाद की संभावित स्थिति से निपटने के लिए राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और संबंधित एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय करने का निर्देश दिया है कि लोगों को सुरक्षित रूप से निकाला जाए और सभी आवश्यक सेवाओं जैसे बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल आदि का रखरखाव सुनिश्चित किया जाए तथा किसी भी व्यवधान की स्थिति में उन्हें तुरंत बहाल किया जाए।
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