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एक भारत बनाने की बात करने वालों ने मणिपुर को बांट दिया, वाजपेयी का राजधर्म याद करें PM मोदी: गौरव गोगोई

अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरुआत करते हुए गौरव गोगोई ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर संख्या की बात नहीं थी, बल्कि मणिपुर के इंसाफ की बात थी। गोगोई ने संसद से मोदी सरकार से कई सवाल पूछे।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

मणिपुर मामले पर केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज संसद में बहस शुरू हो गई। विपक्ष ने मणिपुर विवाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सदन में बयान की मांग की थी, ये मांग पूरी ना होने पर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया था। अब इसके तहत मंगलवार को कुल 16 घंटे की बहस शुरू हुई, जो गुरुवार को खत्म होगी। कांग्रेस की ओर से गौरव गोगोई ने बहस की शुरुआत की।

बहस की शुरुआत करते हुए गौरव गोगोई ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर संख्या की बात नहीं थी, बल्कि मणिपुर के इंसाफ की बात थी। गोगोई ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए?, राहुल गांधी गए, विपक्षी नेता गए, गृह मंत्री, गृह राज्यमंत्री गए, वे क्यों नहीं गए? प्रधानमंत्री को 80 दिन क्यों लगे मणिपुर पर बोलने के लिए वह भी सिर्फ 20 सेकेंड। इसके बाद न कोई संवेदना का शब्द, न कोई और शब्द, मंत्री कहते हैं हम बोलेंगे, मंत्री बोलें, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के बोलने का असर होता है वे प्रधानमंत्री हैं।

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गौरव गोगोई ने पूछा प्रधानमंत्री जी ने आज तक मणिपुर के मुख्यमंत्री को बरखास्त क्यों नहीं किया? गुजरात में जब आपको राजनीति करनी थी तो आपने 2 बार सीएम बदला, उत्तराखंड में आपने 4 बार सीएम बदला, त्रिपुरा में आपने सीएम बदला, मणिपुर में आपका कौन सा आशीर्वाद दे रहे हैं कि सीएम खुद कह रहे हैं कि मेरे कारण इंटेलिजेंस फेल्योर है। गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री का मौनव्रत टूटेगा तो इन सवालों के जवाब मिलेंगे। गौरव गोगोई ने कहा कि पीएम को स्वीकारना होगा कि उनकी डबल इंजन सरकार फेल हो गई। मणिपुर में सैकड़ों लोग मर गए, 50000 लोग बेघर हो गए

सीएम को जो अमन का माहौल बनाना चाहिए था सीएम ने बीते 2-3 सालों में ऐसे कदम लिए हैं जिससे समाज में तनाव पैदा हुआ है। मणिपुर में पहले भी हिंसा हुई है, उत्तर पूर्व के अन्य हिस्सों में भी हिंसा हुई है। हमने जाकर देखा कि समाज के दो वर्गों के बीच बंटवारा, एक दूसरे के प्रति इतना गुस्सा पहले कभी नहीं देखा। समाज का एक वर्ग दूसरे के प्रति बदले की भाषा बोल रहा है।

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गौरव गोगोई ने आगे कहा कि एक इंडिया बनाने की बात करने वालों ने मणिपुर को बांट दिया। मणिपुर में सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं और बच्चे हुए हैं। वीडियो देखकर पूरा देश सन्न है। हमने परिवारों से मुलाकात की है उन पर अत्याचार हुए हैं। हम ऐसे परिवार से मिले जिसमें 80 साल की महिला को जिंदा जला दिया गया, उसका परिवार स्वतंत्रता सेनानी का परिवार है। सुप्रीम कोर्ट जानेवाली एक महिला के घर सदस्य करगिल में तैनात रहा। हम फोटोऑप करने नहीं गए थे, हम दुख के समय में संवेदना देने गए थे। धार्मिक स्थानों का असम्मान हुआ, इंटरनेट बंद है, स्कूल बंद हैं, आप कहते हैं ये सब सामान्य है। किसी तरह वीडियो वायरल हो गया, नहीं तो प्रधानंमत्री तो अब भी मौन ही रहते। लोग कहते हैं कि ड्रग माफिया के कारण ऐसा हुआ, ड्रग माफिया के पकड़े जाने पर सीएम दफ्तर से निर्देश दिया गया कि उसे छोड़ दो माफिया पार्टी का नेता है

एक और पकड़ा गया, वह बीजेपी के मंत्री का भाई है। यह बात वह पुलिस अफसर कह रही है जिसे राज्य सरकार ने मेडल दिया था, उन्होंने मेडल वापस कर दिया। आपके ही विभाग का कहना है कि राज्य में अफीम की खेती आपकी सरकार आने के बाद से लगातार बढ़ रही है। इंडियन फॉरेस्ट सर्वे कहता है कि फारेस्ट एरिया कम हो रहा है, जंगल काटे जा रहे हैं, अफीम की खेती बढ़ रही है। गृहमंत्री ड्रग्स पर बाते करते हैं, लेकिन वे जानते हैं कि इसकी समस्या बढ़ती जा रही है। एनसीआरबी का डेटा है कि ड्रग्स की समस्या बढ़ती जा रही है। पीएम चाहते हैं कि वे मौन रहे तो राज्य सरकार की छवि खराब न हो उन्हें छवि से प्यार है, लोगों पर अत्याचार से उन्हें कोई लेना देना नहीं।

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कांग्रेस सांसद ने कहा कि मणिपुर में 5000 से ज्यादा हथियार लोगों के हाथ में हैं, भीड़ पुलिस और सुरक्षा बलों से हथियार छीन रही है। भीड़ थानों में जाकर पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में जाकर हथियार लूट रहे है। इनमें मशीनगन, मोर्टार , ग्रेनेड, 6 लाख गोलियां लूट लिए गए। क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला नहीं है? कहां हैं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार।

यह गोलियां सुरक्षा जवानों पर, पुलिस पर और मणिपुर के निहत्थे लोगों पर चलाए जाएंगे। आप इस पर कुछ नहीं कर रहे हैं। आज यह हथियार मणिपुर में हैं, कल यह देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचेंगे, इसे कैसे रोकेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री पहले समाज पर दोष डाल रहे थे। अब केंद्र सरकार और असम राइफल पर दोष डाल रहे है। अब जानकारी आई है कि असम राईफल्स को हटाया जा रहा है। असम राइफल्स तो गृह विभाग के निर्देश पर काम करता है। मणिपुर की पुलिस असम राइफल्स पर सवाल उठा रही है

क्या हम ऐसे समाधान कर रहे हैं मणिपुर की समस्य़ा का। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के काम को स्वीकार नहीं करते तभी एक कमेटी बनाई। गृह मंत्री बताएं कि 51 लोगों की कमेटी बनाई, कितनी बार वह कमेटी बैठी, इस कमेटी ने क्या किया। गृहमंत्री ने कहा था कि वह 15 दिन में फिर जाएंगे, लेकिन वे नहीं गए।

कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अटल बिहारी वाजपेयी के राजधर्म की बात याद करनी चाहिए, जहां किसी में भी भेदभाव नहीं करना चाहिए।

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