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केरल में विदेश से लौटने वालों को पीपीई किट पहनना होगा, कांग्रेस ने विजयन सरकार से की उपलब्ध कराने की मांग

केरल में अब तक 80,000 लोग विदेशों से लौट चुके हैं। इतनी बड़ी तादाद में लोगों के विेदेश से आने के कारण राज्य में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इसी चलते सीएम विजयन एहतेयात के तौर पर कई फैसले ले रहे हैं, जिनसे कई बार वह खुद आलोचनाओं में घिर जा रहे हैं।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

केरल में विदेश से लौटने वालों के लिए कोरोना नेगेटिव प्रमाणपत्र रखने को अनिवार्य किए जाने के बाद आलोचना का सामना कर रहे राज्य के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने अब एक फैसला किया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि राज्य में विदेश से आने वालों को अब पीपीई किट भी पहनना होगा।

विजयन ने कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह बात कही। इससे पहले, विदेश से आने वालों के लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र 20 जून से अनिवार्य किया गया था, लेकिन बाद में तारीख 25 जून तक के लिए टाल दी गई। सूत्रों के अनुसार, विजयन ने अब जोर देकर कहा है कि यह सुनिश्चित करना एयरलाइनों की जिम्मेदारी होगी कि आने वाले सभी यात्री पीपीई किट पहनें।

विजयन सरकार से 'अव्यावहारिक' आदेश नहीं लागू करने का अब तक आग्रह करते आए पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने उनके नए फैसले का स्वागत किया है। चांडी ने कहा, "हमारी एकमात्र मांग यह है कि लिया गया कोई भी निर्णय व्यावहारिक होना चाहिए। स्वास्थ्य प्रमाणपत्र पर जोर देना अव्यावहारिक था। लोगों के लिए इसे प्राप्त करना कैसे संभव है, जब मध्य-पूर्व के कई देशों में ऐसी सुविधाएं नहीं हैं? पीपीई किट के संबंध में, हम केरल सरकार से यात्रियों को सुरक्षात्मक चीजें प्रदान करने का आग्रह करते हैं।"

वहीं, विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि विजयन जैसे शख्स को अंदाजा नहीं है कि वह क्या कर रहे हैं। वहीं, यूनियन मुस्लिम लीग के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद पी.के. कुन्हालीकुट्टी ने भी कहा कि कोई भी नहीं समझ पा रहा कि विजयन केरल के प्रवासियों को वापस लाने के संबंध में 'अव्यावहारिक निर्णय' क्यों ले रहे हैं। उन्होंने कहा, "जो कुछ वह कर रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि वह नहीं चाहते कि हमारे प्रवासी लौटें और अब पीपीई किट पहनने का यह नया फरमान आ गया।"

बता दें कि केरल में 7 मई से लेकर अब तक 80,000 लोग विदेशों से लौट चुके हैं। इतनी बड़ी तादाद में लोगों के विेदेश से आने के कारण राज्य में एक बार फिर से कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। इसी को देखते हुए विजयन सरकार एहतेयाती कदम के तौर पर कई तरह के फैसले ले रही है। लेकिन कई बार इस तरह के फैसलों से वह खुद आलोचनाओं में आ जा रही है।

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