उत्तर प्रदेश के हाथरस में जिस भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से 121 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, उस भोले बाबा के दौसा वाले आश्रम पर वीआईपी लोगों का मेला लगता था। यही नहीं, आश्रम में ज्यादातर महिलाएं ही सेवादार थीं। आश्रम के आसपास के लोगों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि बाबा भोले रसूखदार व्यक्ति हैं, जिनके दौसा आश्रम पर वीआईपी लोगों का आना-जाना रहता था। जब यहां बाबा का दरबार लगता था तब कॉलोनी निवासी भी बाबा के निजी सुरक्षा गार्ड को आई कार्ड दिखाकर ही आ पाते थे। साथ ही बाबा भोले के सेवादारों में अधिकतर महिलाएं हुआ करती थीं।
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एसओजी की गिरफ्त में आए पेपर लीक के दोषी हर्षवर्धन पटवारी के मकान पर बाबा भोले का दिव्य और भव्य दरबार लगता था। इस दरबार में बाबा भोले के वीआईपी भक्त और महिलाएं सेवादार हुआ करती थीं। बाबा के आगमन के दौरान इलाके में बाबा के प्राइवेट गार्ड ही मोर्चा संभालते थे। लोगों का तो यह भी कहना है कि कई बार बाबा के सेवादार महिला भक्तों के साथ धक्का-मुक्की करने के अलावा लातों से भी मारा करते थे।
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भोले बाबा समागम के दौरान झूले पर बैठकर प्रवचन करते थे। पेपर लीक के आरोपी हर्षवर्धन मीणा के पड़ोसी पुरुषोत्तम ने बताया कि यहां पर बाबा के समागम के दौरान किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं हुआ करती थी। दिन में बाबा के लोग आते थे और रातभर कार्यक्रम चलता था, जिसके चलते आसपास का माहौल भी तंग रहता था। यहां के रहने वाले सचिन गुर्जर ने बताया कि बाबा भोले की थ्री लेयर की सुरक्षा हुआ करती थी। समागम के दौरान अधिकांश महिलाएं ही व्यवस्थाओं को संभालती थी।
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बाबा के आश्रम में महिला सेवादारों के कागजात भी मिले हैं। अब एसओजी की गिरफ्त में आए पेपर लीक मामले के दोषी हर्षवर्धन मीणा के लिए भी कहा जा रहा है कि जिस दौरान यहां दरबार लगता था, हर्षवर्धन भी यहीं मौजूद रहता था। लेकिन, जब से एसओजी द्वारा पेपर लीक के मामले में हर्षवर्धन का नाम आया तब से हर्षवर्धन यहां नहीं दिखा है।
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