कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में सहकारी संघवाद नहीं, बल्कि टकराव वाला संघवाद है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने मई, 2014 में अपने कार्यकाल की शुरुआत सहकारी संघवाद के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करके की थी। लेकिन हकीकत में उन्होंने जो किया है, वह टकराव वाला संघवाद है।’’
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जयराम रमेश ने दावा किया, ‘‘सहकारी संघवाद सहमति पर आधारित होता है, जिसके प्रति प्रधानमंत्री ने अनिच्छा और अक्षमता दिखाया है। इसके विपरीत, टकराव वाला संघवाद संघर्ष और विभाजन पैदा करने के उद्देश्य से प्रेरित होता है, जिसमें प्रधानमंत्री को महारत हासिल है।’’
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रमेश ने कहा कि हर बार जब राज्यों को करों का संवैधानिक हिस्सा या उनका वैध अधिकार मिलता है, तो प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री ऐसा दिखाते हैं जैसे कि वे राज्यों पर कोई बड़ा उपकार कर रहे हों। उन्होंने दावा किया कि कई राज्यों में विपक्ष की सरकारों को गिराया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार रिमोट-कंट्रोल वाले राज्यपालों के माध्यम से राज्यों के कामकाज में हस्तक्षेप करने के लिए लगातार नए-नए तरीके निकाल रही है।’’
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कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि इस सरकार में राज्यों की सहकारी समितियों के अधिकारों को नष्ट किया गया है। रमेश के मुताबिक केंद्रीकृत शिक्षा नीति लाई गई है और शिक्षा में मोदी सरकार के हस्तक्षेप के कारण राज्यों की अपनी शिक्षा प्रणालियों को चलाने की शक्ति छिन जाती है।
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