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डाक्टरों की भारी कमी, कोविड लहर को देखते हुए केन्द्र तुरंत हड़ताल खत्म कराए: दिल्ली कांग्रेस

दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल कुमार ने कहा कि कोविड सहित नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के संकट में डाक्टरों की अधिक जरुरत है, लेकिन मोदी और केजरीवाल को कोई चिंता नहीं है। महामारी के खतरे को देखते हुए केन्द्र सरकार को तुरंत प्रभाव से पीजी कॉउसलिंग पर निर्णय लेना चाहिए।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

नीट-पीजी काउंसिलिंग में देरी के खिलाफ दिल्ली में आंदोलन कर रहे डाक्टरों के समर्थन में अब दिल्ली कांग्रेस भी आ गई है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि पहले से ही डाक्टरों की भारी कमी है, कोविड लहर को देखते हुए मोदी सरकार तुरंत हड़ताल खत्म कराए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार काउंसलिंग कराने की बजाय पुलिस द्वारा लाठी बरसा कर अत्याचार करवा रही है।

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दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार के असंवेदनशील रवैये के कारण दिल्ली सहित पूरे देश के राज्यों के सभी सीनियर और जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं, जिसके बाद मरीजों को नुकसान हो रहा है। कोविड महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री हस्तक्षेप करके देशहित में नीट काउंसिलिंग के लिए तुरंत हल निकालें।

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चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर फूल बरसाने वाली मोदी सरकार के इशारे पर पुलिस डॉक्टरों पर लाठी बरसा रही है। डॉक्टर अस्पतालों में खाली पड़े पदों को भरने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं जबकि दिल्ली के अस्पतालों में भी डाक्टरों के सैंकड़ों पद खाली हैं, परंतु मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अपने चुनावी उदेश्यों के कारण डाक्टरों की मांग पर ध्यान नही दे रहे हैं।

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इसके अलावा दिल्ली कांग्रेस ने समय की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को राजनीति से ऊपर उठकर इस मसले पर प्रधानमंत्री मोदी से बात करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोविड सहित नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के संकट के समय आज अस्पतालों में डाक्टरों की अधिक जरुरत है, लेकिन मोदी और केजरीवाल को लोगों के स्वास्थ्य की कोई चिंता नहीं है, कोविड महामारी के संकट के समय को देखते हुए केन्द्र सरकार को तुरंत प्रभाव से पीजी कॉउसलिंग पर निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि देश भर में रेजीडेंट डाक्टरों की पहले ही कमी है।

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दरअसल इससे पहले मामला बढ़ता देख केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया बीच में आए और रेजिडेंट डॉक्टरों से बात भी की। उन्होंने डॉक्टरों के साथ हुई बैठक के बाद बताया कि सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है, इसलिए काउंसलिंग में देरी हुई है। 6 जनवरी को मामले की सुनवाई होनी है। हम अपना जवाब इससे पहले कोर्ट में दाखिल कर रहे हैं, जिससे काउंसलिंग में देरी नहीं हो।

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दरअसल सोमवार को अपनी मांगों के समर्थन में प्रदरेशन कर रहे डॉक्टरों को हटाने के लिए बल प्रयोग करते हुए दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, जिसके बाद डॉक्टरों ने सरोजनी नगर थाने का घेराव किया था। साथ ही पुलिस ने डॉक्टरों पर केस दर्ज किया तो डॉक्टरों ने मंगलवार सुबह 8 बजे दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप कर दीं। इसके बाद दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों को काफी परेशानी भी हुई।

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