झारखंड की जंगलों से भटक कर बिहार आया एक हाथी नवादा जिले में जमकर उत्पात मचा रहा है। नवादा जिले के दो अलग-अलग थाना क्षेत्रों में यह हाथी अब तक चार लोगों की जान ले चुका है और फसलों को नष्ट कर चुका है। हाथी को वापस भेजने के लिए विशेषज्ञों की टीम को नवादा बुलाया गया है। हाथी से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। नवादा के वन प्रमंडल पदाधिकारी (डीएफओ) ए.के. ओझा ने शुक्रवार को बताया कि हाथी को काबू में करने के लिए नवादा और गया के वनकर्मियों की टीम लगी हुई है। पटना से भी क्विक रिस्पांस टीम को बुलाया गया है।
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उन्होंने कहा कि गुरुवार की रात से हाथी का ट्रेस नहीं मिला है। गया जिले के गुरपा इलाके से नवादा जिले के सिरदला में हाथी ने प्रवेश किया था। उन्होंने कहा कि हाथी को वापस झारखंड की जंगलों में भेजने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इधर, वन एवं पर्यावरण विभाग की तरफ से टीम को निर्देश दिया गया है कि हाथी को पुन: जंगल की तरफ लौटाया जाए। विशेष परिस्थिति में हाथी को ट्रंक्वालाइज किया जा सकता है।
इधर, रजौली के प्रभारी वन क्षेत्र अधिकारी अखिलेश्वर प्रसाद ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि हाथी युवा है। उन्होंने संभावना जताई की हाथियों के झुंड से अलग होकर यहां पहुंच गया। आमतौर पर हाथी की उदंडता के कारण उसे टीम लीडर झुंड से खदेड़कर बाहर निकाल देता है, जिससे वह अकेला हो जाता है।
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उन्होंने कहा कि लोगों को और कुत्ते को देखकर वह हिंसक हो रहा है। उन्होंने बताया कि फिलहाल गया जिले के गुरपा वन क्षेत्र के हिमजा पहाड़ी में उसके पहुंचने की खबर है।
उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। वन विभाग की टीम हाथी को आबादी से दूर रखने के लिए बम और पटाखे का इस्तेमाल कर रही है।
बता दें कि बुधवार की रात हाथी नवादा में प्रवेश किया था। हाथी अब तक चार लोगों की जान ले चुका है। मृतकों में नारदीगंज थाना क्षेत्र के बभनौली गांव निवासी विनोद चौहान और हिसुआ थाना क्षेत्र के सकरा गांव निवासी आंनद सिंह, हसनचक गांव निवासी बालेश्वर यादव तथा सीतामढ़ी के लच्छूबिगहा निवासी छोटू कुमार (12) शमिल हैं।
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