बीजेपी ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर उस न्यूज पोर्टल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की जिसने कथित तौर पर बीजेपी नेता राम माधव को अलगाववादी संगठन एनएससीएन द्वारा दो नगा महिलाओँ के साथ कुछ आपत्तिजनक हालत में रंगे हाथ पकड़ा था। हालांकि यह न्यूज पोर्टल अब खुल नहीं रहा है।
बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने पत्रकारों को बताया कि, “हमने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया है। शक इसलिए भी गहरा होता है क्योंकि अब यह न्यूज पोर्टल गायब हो गया है।”
कोहली ने कहा कि जिन भी लोगों ने यह शरारत की है, उनके खिलाफ आईटी एक्ट के साथ ही कानून की विभिन्न धाराओं के तहत बीजेपी मांग करती है। इसी प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि, “यह एक काल्पनिक रिपोर्ट है और राम माधव की प्रतिष्ठा और छवि खराब करने के लिए सामने लाई गई है। फेक न्यूज यानी झूठी खबरों के बरदाश्त नहीं किया जा सकता। भले ही यह न्यूज पोर्टल गायब हो गया हो, लेकिन हम इस मामले को आक्रामकता के साथ उठा रहे हैं।”
यहां यह जानना जरूरी है कि किस मीडिया पोर्टल की बात हो रही है। न्यूज ज्वाइंट नाम के एक न्यूज पोर्टल ने पिछले सप्ताह दावा किया था कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वोत्तर के प्रभारी को एक होटल में एनएससीएन यानी नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड के कार्यकर्ताओं ने दो नगा महिलाओं के साथ रंगे हाथ पकड़ा था। एनएससीएन ने घंटो तक राम माधव को अपने कब्जे में रखा, जिसके बाद राम माधव ने घबराकर असम के मंत्री हिमांता बिस्वा सर्मा को फोन किया और उनके दखल के बाद ही राम माधव को छोड़ा गया।
न्यूज पोर्टल का यह भी दावा था कि एनएससीएन के पास राम माधव का कोई वीडियो भी है, जिसके आधार पर उसने धमकी देते हुए कहा है कि अगर बीजेपी-आरएसएस ने नगालैंड में चुनाव टालने की उसकी मांग को नहीं माना तो वह यह वीडियो सार्वजनिक कर देगी। नगालैंड में 27 फरवरी को चुनाव होने हैं।
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