सूचना और प्रसारण मंत्रालय ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को अपने दायरे में लाना चाहता है। इस बात का संकेत सूचना प्रसारण मंत्रालय ने दिया है। दरअसल हाल के दिनों में लॉकडाउन के दौरान देश में ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्म के यूजर्स की संख्या बढ़ी है। इस कारण इन प्लेटफॉर्म पर कंटेट की भी बाढ़ आ गई है। कई कंटेंट को लेकर विवाद भी हुए हैं और लोगों की भावनाओं को आहत करने के आरोप लगा हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को अपने दायरे में लेने की सूचना प्रसारण मंत्रालय की पहल के पीछे यह भी एक वजह बताई जा रही है।
हालांकि, इस बारे में सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमित खरे ने कहा, "ओटीटी एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जो अभी आईटी मंत्रालय के तहत है। इस प्लेटफार्म पर वेब सीरीज, सीरियल जैसे कंटेंट दिखाए जाते हैं इसलिए इसे सूचना-प्रसारण मंत्रालय के तहत आना चाहिए।" उन्होंने यह भी कहा, "इस तरह के मसलों पर कामकाज करने के लिए विभिन्न मंत्रालय में तालमेल होना चाहिए, कारोबारी माहौल में ऐसा किया जाना जरूरी है।"
यहां बता दें कि हाल में विश्व हिंदू परिषद समेत कई संस्थाओं ने ओटीटी पर हिंदू धर्म की भावना को आहत करने और स्वस्थ समाज के खिलाफ शो दिखाये जाने के आरोप लगाए थे। इस संदर्भ में विहिप ने सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए एक नियामक बनाये जाने की भी मांग की थी।
गौरतलब है कि भारत में प्लेटफार्म के हिसाब से नियामक बनाने की प्रक्रिया जारी है, लेकिन अभी तक भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए कोई नियामक नहीं है। प्रिंट, रेडियो, टीवी, फिल्म के लिये नियामक हैं, जबकि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फिल्म रिलीज के लिए कोई नियामक नहीं है। लॉकडाउन के दौरान कई ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे अमेजन प्राइम, जी5, ऑल्ट बालाजी आदि के यूजर्स की संख्या में तेज वृद्धि दर्ज की गई है।
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