दिल्ली दमकल सेवा के प्रमुख अतुल गर्ग ने शुक्रवार को कहा कि दीवाली की रात विभाग को कुल 190 फोन कॉल आए, जबकि आग में किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है।
गर्ग ने कहा कि डीएफएस को दोपहर 12 बजे तक 152 लोगों की कॉल आईं, जो पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत से कम है, जबकि आधी रात के बाद से सुबह तक 36 कॉल आए। उनमें से लगभग चार कॉल पटाखों से संबंधित थे। पिछले वर्षों की तुलना में पटाखों से आग लगने की घटनाओं में मामूली कमी आई है।
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आंकड़ों के मुताबिक 2018 में जहां आग की 271 घटनाएं दर्ज की गईं, वहीं पिछले साल यह घटकर 205 रह गई। जबकि 2019 में, 245 मामले सामने आए। हालांकि, पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद, गुरुवार को, शहर में लोगों ने सरकार के श्रम प्रयासों और 'पटाखे नहीं दीए जलाओ' अभियान के खिलाफ सड़कों पर पटाखे फोड़े।
राष्ट्रीय राजधानी में 30 दमकल इकाइयों को तैनात करने के अलावा दमकल विभाग लगभग 2,800 कर्मचारियोंऔर 200 से अधिक दमकल गाड़ियों की तैनाती के साथ त्योहार के लिए पूरी तरह तैयार था।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिवाली की रात दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गिरकर गंभीर श्रेणी में आ गया और अधिकांश शहरों ने 400 का आंकड़ा पार कर लिया।
पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली की वायु गुणवत्ता और खराब हो गई। पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लोगों ने पटाखे फोड़े।
इससे पहले, मौसम विज्ञान एजेंसियों ने गुरुवार और शुक्रवार के लिए 500 से ज्यादा एक्यूआई होने का अनुमान लगाया था।
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