मणिपुर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आया है। लेकिन उनका यह बयान मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर नहीं है। उनका यह बयान मणिपुर राज्य दिवस पर आया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किया, "राज्य के लोगों को मेरी शुभकामनाएं। मणिपुर ने भारत की प्रगति में एक मजबूत योगदान दिया है। हमें राज्य की संस्कृति और परंपराओं पर गर्व है। मैं मणिपुर के निरंतर विकास के लिए प्रार्थना करता हूं।"
Published: 21 Jan 2024, 10:43 AM IST
मणिपुर में बीते 3 मई 2023 को शुरू हुई अंतहीन हिंसा के बाद संभवत: यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री की जुबान पर मणिपुर का नाम आया है, लेकिन इस बयान में उन्होंने हिंसा का जिक्र नहीं किया। इससे पहले बीते साल जब मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने पीएम मोदी और उनकी सरकार को चौतरफा घेरा। सड़क से लेकर संसद तक इस मुद्दे को उठाया तब भी प्रधानमंत्री हिंसा के मुद्दे पर दो शब्द बोलने के लिए राजी नहीं हुए। आखिरकार विपक्षी दल संसद में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए, ताकि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मणिपुर हिंसा के मुद्दे को उठाया जा सके और सरकार से सवाल पूछा जा सके।
Published: 21 Jan 2024, 10:43 AM IST
10 अगस्त 2023 को मजबूरन पीएम मोदी को अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देने लिए संसद में आना पड़ा। लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने दो घंटे से ज्यादा का भाषण दिया। अपनी सरकार की पीठ थपथपाई, विपक्ष पर जमकर निशाना साधा, लेकिन अपने दो घंटे से ज्यादा लंबे भाषण में पीएम मोदी मणिपुर हिंसा जैसे गंभीर मुद्दे पर चंद मिनट ही बोले। उन्होंने मणिपुर के मुद्दे पर कहा, "मैं देश के सभी नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जिस तरह प्रयास चल रहे हैं, शांति का सूरज जरूर उगेगा।"
Published: 21 Jan 2024, 10:43 AM IST
संसद में पीएम मोदी को बयान दिए हुए 5 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। सवाल यह है कि क्या मणिपुर में शांति का सूरज उग गया है? इसका जवाब होगा, नहीं उगा है। सवाल यह है कि मणिपुर में शांति का सूरज आखिर कब उगेगा? सच यह है कि इसका जवाब किसी के पास नहीं है। मणिपुर में सरकार चला रही बीजेपी और केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के पास भी नहीं, जिन्हें इस सवाल का जवाब देना चाहिए। मणिपुर में 8 महीनों से जारी हिंसा के बाद भी दोनों ही सरकारें इस सवाल का जवाब देने में पूरी तरह से नाकाम रही हैं।
Published: 21 Jan 2024, 10:43 AM IST
मणिपुर में बीते साल 3 मई से शुरू हुई हिंसा के बाद अभी भी हालात तनावपूर्ण हैं। राज्य में बीते 48 घंटे के अंदर अलग-अलग जगहों पर हुई हिंसा में 5 नागरिकों समेत दो सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई है। विष्णुपुर जिले में संदिग्ध हथियारबंद चरमपंथियों ने गुरुवार शाम पिता-पुत्र समेत चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया। मरने वालों की पहचान थियाम सोमेन सिंह,ओइनम बामोइजाओ सिंह, उनके बेटे ओइनम मनितोम्बा सिंह और निंगथौजम नबादीप मैतेई के रूप में हुई है।
बुधवार रात इंफाल पश्चिम जिले के कांगचुप में हमलावरों ने एक मैतेई बहुल गांव के ग्राम रक्षक को मौत के घाट उतार दिया। बुधवार को ही संदिग्ध चरमपंथियों ने टैंगनोपल जिले में म्यांमार सीमा से सटे मोरेह शहर में सुरक्षाबलों पर हमला किया था। इस दौरान दो पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में मारे गए सभी लोग मैतेई समुदाय के थे। इसके बाद राजधानी इंफाल से लेकर बिष्णुपुर जैसे मैतेई बहुल इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए।
Published: 21 Jan 2024, 10:43 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 21 Jan 2024, 10:43 AM IST