रांची सहित झारखंड के कई शहरों में दीपावली का बाजार इस बार हजारों ग्रामीण महिलाओं की मेहनत और हुनर वाले उत्पादों से दमक रहा है। सखी मंडल की दीदियों के हाथों से बनी गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमाएं, पंचगव्य दीये, डिजाइनर दीये, कैंडल, कलश, चॉकलेट, गोंद के लड्डू सहितों दर्जनों सजावटी सामान राज्य में 96 स्थानों पर सरकार की ओर से खोले गये पलाश मार्ट और बैंक की शाखाओं में बिक्री के लिए रखे गये हैं। बता दें कि झारखंड सरकार के सहयोग से झारखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने आर्थिक रूप से पिछड़ी ग्रामीण महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए राज्य के गांव-गांव में सखी मंडलों का गठन किया है। इन सखी मंडलों के जरिए महिलाओं को तरह-तरह के उत्पाद बनाने के प्रशिक्षण दिये गये हैं।
झारखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन इन्हें कच्चा माल के साथ-साथ आर्थिक मदद उपलब्ध कराता है। इनके द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों की बिक्री पलाश ब्रांड के नाम पर की जा रही है। रांची में एक स्थायी पलाश मार्ट के अलावा दीपावली स्पेशल 10 आउटलेट रांची के प्रमुख स्थानों पर खोले गए है। वहीं एचडीएफसी बैंक के रांची स्थित चार शाखाओं में भी पलाश दीपावली हैंपर की बिक्री की व्यवस्था की गयी है।
झारखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की सीईओ नैन्सी सहाय ने आईएएनएस से कहा कि सखी मंडल की दीदियों की आमदनी बढ़ाने एवं उनके उत्पादों को पलाश ब्राण्ड के जरिए बड़े बाजार से जोड़ने के लिए जेएसएलपीएस लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में ग्रामीण महिलाओं के उत्पादों की बिक्री सुनिश्चित करने हेतु रांची में 14 स्थानों पर पलाश दीपावली स्पेशल आउटलेट की शुरूआत की गयी है। राज्य के सभी जिलों में कुल 96 पलाश मार्ट खोले गये हैं, जिनका संचालन राज्य भर की करीब 550 ग्रामीण महिलाएं कर रही हैं।
जेएसएलपीएस की वेबसाइट से पलाश मार्ट मोबाइल एप डाउनलोड कर इन महिलाओं द्वारा बनाये गये उत्पादों की ऑनलाइन खरीदारी भी की जा सकती है। सखी मंडल की दीदियों द्वारा निर्मित शुद्ध गोंद के लड्डू एवं चॉकलेट भी पलाश स्टोर्स में बिक्री के लिए उपलब्ध है। पलाश के दिवाली गिफ्ट हैंपर को जूट के बैग एवं बांस की टोकरी में काफी खूबसूरती से सजाया गया है। इन गिफ्ट हैंपर की कीमत बाजार से अपेक्षाकृत कम है।
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