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यूपी विधानसभा में गूंजा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 4 गुना फीस बढ़ोतरी का मुद्दा, SP ने सदन से किया वॉकआउट

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शुरू होने वाले नए सत्र के छात्रों को बढ़ी हुई फीस दर के हिसाब से पैसे जमा करने होंगे। सभी कोर्स में करीब एक हजार रुपये सालाना फीस लगा करती थी जो अब 4 गुना हो गई है।

फोटो: @yadavakhilesh
फोटो: @yadavakhilesh 

उत्तर प्रदेश विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायकों को इलाहाबाद विश्वविद्यालय में भारी शुल्क वृद्धि को लेकर छात्रों के आंदोलन का मुद्दा उठाने की इजाजत नहीं दी गई। इससे नाराज समाजवादी पार्टी ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया और सदन से वॉकआउट किया।

जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, अखिलेश यादव खड़े हो गए और इस मुद्दे पर बोलने की कोशिश की, लेकिन अध्यक्ष सतीश महाना ने उन्हें बोलने की इजाजत नहीं दी। इस बात से गुस्साए एसपी के विधायकों ने नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट कर दिया। इसके बाद, अखिलेश यादव के नेतृत्व में एसपी के सभी विधायक अपने-अपने पार्टी कार्यालय में वापस चले गए।

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छात्र कब से कर रहे हैं विरोध-प्रदर्शन?

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र दो हफ्ते से अधिक समय से फीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं और छात्र संघ के पुनरुद्धार की भी मांग कर रहे हैं। कई हॉस्टल और कैंपस के अंदर मार्च निकालने के बाद विरोध-प्रदर्शन तेज हो गया है।

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय में चार गुना बढ़ी फीस

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शुरू होने वाले नए सत्र के छात्रों को बढ़ी हुई फीस दर के हिसाब से पैसे जमा करने होंगे। सभी कोर्स में करीब एक हजार रुपये सालाना फीस लगा करती थी जो अब 4 गुना हो गई है। बढ़ाई गई फीस अब नए सत्र से लगेगी। इसकी का विरोध विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा किया जा रहा है।

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किस कोर्स में कितनी फीस बढ़ाई गई?

इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने क्या सफाई दी है?

इस मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सफाई दी है। विश्वविद्यालय ने बताया कि 110 साल बाद फीस बढ़ाई गई है। 1922 में विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से कार्यकारी परिषद ने लगभग दो हफ्ते पहले विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए शुल्क वृद्धि को मंजूरी दी थी।

विश्वविद्यालय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, लाए जा रहे बदलावों को देखते हुए शुल्क वृद्धि समय की जरूरत है, जिसके तहत अधिक शिक्षकों को काम पर रखा जाना है और नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाने हैं। विश्वविद्यालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान छात्रों में से कोई भी प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि शुल्क वृद्धि केवल 2022-23 शैक्षणिक वर्ष से नए प्रवेशकों के लिए लागू होगी। छात्रों का सवाल यह है कि एक ही बार फीस में चार गुना बढ़ोतरी कितना जायज है?

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