कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। राजधानी की सीमा पर जाड़ों की सर्द रातों को काटने के बाद अब किसान दिल्ली की तपिश को कंट्रोल करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। गर्मी में कैसे आंदोलन को और धार दी जाए, इसकी तैयारी में किसान जुट गए हैं। दिल्ली बॉर्डर पर गर्मी को ध्यान में रखकर तैयारी की जा रही है।
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उधर, आंदोलन को और मजबूत करने में पंजाब और हरियाणा समेत देश के अन्य किसान जुटे हुए हैं। दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन में आंदोलनकारियों की संख्या में कोई कमी न आए, इसके मद्देनजर लगातार किसान बॉर्डर का रुख कर रहे हैं। दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए किसानों का जत्था पंजाब के अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हो गया है। गर्मियों के मौसम को देखते हुए इस बार किसानों ने ट्रोलियों में पंखे लगाए हैं।
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किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस नहीं लेती और एमएसपी पर लीगल गारंटी नहीं देती तब तक उनका आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा। गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्त राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार बात नहीं मानेगी, आंदोलन ऐसे ही चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार से अभी बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है, तैयारी लंबी है। टिकैत के इस बयान से यह जाहिर होता है कि बिना मांगें मनवाए बिना वह पीछे हटने वाले नहीं हैं।
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नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन के बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बड़ा दावा भी किया है। राकेश टिकैत ने कहा है कि इसी महीने आंदोलन के समर्थन में एक बीजेपी सांसद का इस्तीफा होगा। उन्होंने कहा कि जितने बीजेपी के सांसद हैं, उतने दिन यह आंदोलन चलेगा। टिकैत के इस दावे के बाद बीजेपी खेमे में खलबली मची हुई है।
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