दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इंडियन मुजाहिदीन के एक वांटेड संदिग्ध आतंकी आरिज उर्फ जुनैद को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार आरिज बटला हाउस एनकाउंटर, दिल्ली सीरियल ब्लास्ट समेत, 2007 में यूपी कोर्ट और 2008 के अहमदाबाद धमाको में वांछित था। पुलिस ने बताया कि वह 2008 में दिल्ली के बटला हाउस में हुए मुठभेड़ के बाद से फरार था। तब से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल समेत एनआईए और कई राज्यों की पुलिस को उसकी तलाश थी। बताया जा रहा है कि फरारी के दौरान आरिज ने नेपाल में अपना ठिकाना बना रखा था।
Published: 14 Feb 2018, 9:59 PM IST
पुलिस के अनुसार, आतंकवादी आरिज खान उर्फ जुनैद बम बनाने का विशेषज्ञ होने के साथ ही घातक योजनाओं को अंजाम देने वाला खतरनाक षड़यंत्रकारी है। दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद समते उत्तर प्रदेश में हुए कई बम विस्फोटों के मामले में पुलिस को उसकी तलाश थी। खान को उत्तराखंड के बनबसा से गिरफ्तार किया गया, जहां वह अपने सहयोगियों से मिलने आया था। पुलिस ने बाताया कि आरिज से जुड़े अपराध की घटनाओं में लगभग 165 लोग मारे गए हैं। पुलिस ने कहा कि वह बटला हाउस में मुठभेड़ के दौरान चार अन्य लोगों के साथ मौजूद था लेकिन वह भागने में कामयाब हो गया था। बटला हाउस की घटना के बाद वह नेपाल भागने से पहले कुछ समय के लिए भारत में रहा। पुलिस ने कहा कि आरिज का के कुछ सहयोगियों का इस्लामिक स्टेट (आईएस) के साथ भी संबंध हैं।
Published: 14 Feb 2018, 9:59 PM IST
19 सितंबर 2008 को दिल्ली के जामिया नगर इलाके के बटला हाउस में हुई मुठभेड़ में चार अन्य के साथ आरिज भी मौजूद था। हालांकि मुठभेड़ के दौरान वह वहां से भाग निकलने में कामयाब हुआ था। उस घटना में इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकवादी मारे गए थे और कई गिरफ्तार हुए थे। मुठभेड़ का नेतृत्व कर रहे दिल्ली पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा को भी गोली लगी थी, जिससे वह शहीद हो गए थे। बटला हाउस मामले में गिरफ्तार इंडियन मुजाहिदीन के कथित आतंकवादी शहजाद अहमद को निचली अदालत ने 2013 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। शहजाद ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की है, जो अभी लंबित है।
बाटला हाउस एनकाउंटर में दो संदिग्ध आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे और दो अन्य संदिग्ध सैफ मोहम्मद और आरिज खान भागने में कामयाब हुए थे, जबकि एक और आरोपी जीशान को गिरफ्तार कर लिया गया था। मुठभेड़ के दौरान कुछ स्थानीय लोगों की भी गिरफ्तारी हुई थी, जिसके खिलाफ कई राजनीतिक दलों, मानवाधिकार संगठनों और विशेषकर जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
Published: 14 Feb 2018, 9:59 PM IST
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Published: 14 Feb 2018, 9:59 PM IST