बुलंदशहर जिले के ढलना गांव में ठाकुर और दलितों के बीच उस समय तनाव बढ़ गया, जब दलितों की एक बारात पर कथित तौर पर ऊंची जातियों के लोगों ने हमला कर दिया। यह घटना मंगलवार को हुई थी और गुरुवार को ठाकुरों ने इस मुद्दे पर पंचायत बुलाई। हालांकि पुलिस ने पंचायत को होने से रोक दिया।
बुलंदशहर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) संतोष कुमार सिंह ने कहा, "गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, लेकिन अब शांति है। दोनों समूहों ने एक दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। दोनों समूहों को हिंसा में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया गया है।"
शिकायतकर्ताओं में से एक संजीव राणा ने कहा, "गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है लेकिन अब शांति है। दोनों गुटों ने एक दूसरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। करीब 120 लोगों को जमानत दी गई है और दोनों समूहों को हिंसा में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया गया है।"
बुधवार सुबह हुई हिंसा का एक वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
दलित समुदाय के दस लोगों पर दंगा करने, स्वेच्छा से चोट पहुचाने और शांति भंग करने सहित अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है।
आरोपों का खंडन करते हुए, दलितों ने दावा किया कि "यह ठाकुर थे जिन्होंने बारात पर हमला किया था। विनय कुमार ने दावा किया हमारी बारात शांति से उस गली से गुजर रही थी जहां ज्यादातर घर ऊंची जाति के हैं। उन्होंने हमें गालियां देनी शुरू कर दीं और आधा दर्जन लोगों ने हम पर लाठियों से हमला किया।"
उनकी शिकायत के आधार पर 5 ठाकुर पुरुषों पर एससी/एसटी अधिनियम के तहत और दंगा और हिंसा करने के लिए भी मामला दर्ज किया गया है।
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