देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच मौतों की संख्या में हो रही वृद्धि के बीच कोयंबटूर में कुछ लोगों ने मिलकर कोरोना देवी के नाम पर एक मंदिर का निर्माण कराया है। यह स्थिति 1900 के दशक के शुरूआती दौर से मिलती-जुलती है, जब प्लेग के चलते लोगों की जानें जा रही थीं। उस वक्त भी कुछ लोगों ने मिलकर प्लेग मरिअम्मन मंदिर का निर्माण कराया था। कोयंबटूर जिले में साल दर साल प्लेग के प्रकोप के बाद इस मंदिर का निर्माण हुआ था और इसमें एक मूर्ति की स्थापना भी की गई थी।
Published: undefined
कोरोना देवी का यह मंदिर कोयंबटूर शहर के बाहरी इलाके में इरुगुर के पास कामचीपुरम में स्थित है। मंदिर की स्थापना कामचीपुरम आदिनम के अधिकारियों ने अपने परिसर में की है।
कामचीपुरम आदिनाम के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया '' कोरोना देवी एक काले पत्थर की मूर्ति है, जो 1.5 फीट लंबी है और हमें पूरा विश्वास है कि देवी लोगों को इस गंभीर बीमारी से बचाएगी।'' यह दक्षिण भारत में कोरोना देवी को समर्पित दूसरा मंदिर है। इससे पहले केरल के कोल्लम जिले के कडक्कल में इस प्रकार के एक मंदिर का निर्माण कराया जा चुका है।
Published: undefined
खबरों के मुताबिक, मंदिर में कोरोना को लेकर विशेष प्रार्थना भी की जाएगी। 48 दिनों के महायज्ञ के दौरान आम लोग इसमें शामिल नहीं होंगे। महायज्ञ पूरा होने के बाद ही लोग ‘कोरोना देवी’ के दर्शन कर सकेंगे।
मंदिर प्रबंधन और लोगों का कहना है कि प्रकृति नाराज हैं, इसलिए संक्रमण का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। पूजा पाठ करने से देवी प्रसन्न हो जाएंगी। और हमारा दृढ़ विश्वासा है कि भगवान लोगों को कोरोना महामारी से जरूर बचाएंगे।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined