बिहार के मुजफ्फरपुर में बालिका गृह यौन शोषण कांड की आंच दिल्ली के राजनीतिक गलियारों तक पहुंच गई है। इस जघन्य कांड में राज्य की नीतीश सरकार की लापरवाही के खिलाफ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव शनिवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देंगे। आरजेडी के इस धरने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के कई बड़े नेताओं के शामिल होने की संभावना है। वामपंथी दल सीपीआई ने भी तेजस्वी यादव के धरने का समर्थन करते हुए उसमें अपनी पार्टी के सांसदों के शामिल होने का ऐलान किया है।
मुजफ्फरपुर के इस दिल दहला देने वाली घटना के खिलाफ आरजेडी के धरने का समर्थन करते हुए दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर उसमें शामिल होने की जानकारी दी है। केजरीवाल ने ट्वीट कर लोगों से इस धरने में बड़ी संख्या में शामिल होने की अपील भी की है।
Published: 03 Aug 2018, 10:56 AM IST
इससे पहले मुजफ्फरपुर कांड के खिलाफ दिल्ली में धरने की जानकारी देते हुए तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, “मुजफ्फरपुर में प्रायोजित और नीतीश सरकार द्वारा संरक्षित जघन्य संस्थागत जन बलात्कार के खिलाफ हम शनिवार को जंतर-मंतर पर धरना करेंगे।” उन्होंने कहा कि वे मंच से मुजफ्फरपुर के जघन्य अपराध पर सरकार से जवाब मांगेंगे। उन्होंने आगे कहा कि मुजफ्फरपुर में जिस तरह का अपराध हुआ है, उससे पूरा देश शर्मिंदा हुआ है। देश के लोगों को पीड़ित लड़कियों के न्याय के लिए खड़ा करेंगे।
Published: 03 Aug 2018, 10:56 AM IST
तेजस्वी यादव ने इस धरने को गैर-राजनीतिक करार करते हुए आम लोगों से जुड़ने की अपील की है। तेजस्वी की अपील के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर इस जघन्य कांड की निंदा की है। उन्होंने राज्य की नीतीश सरकार पर हमला करते हुए इस्कितीफे की मांग की है।
Published: 03 Aug 2018, 10:56 AM IST
बता दें कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में रहने वाली 42 लड़कियों में से 34 के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है। जिसके बाद बिहार की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है। इस पूरे कांड का मुख्य आरोपी बालिका गृह का संचालक ब्रजेश ठाकुर बताया जा रहा है। ब्रजेश ठाकुर उस सेवा संकल्प एवं विकास समिति नामक एनजीओ का संस्थापक है, जो यह बालिकागृह चलाती थी। दरअसल टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस), मुम्बई द्वारा इस साल अप्रैल में की गई ऑडिट में यह मामला सबसे पहले सामने आया था। जिसके बाद इस मामले के तूल पकड़ने के बाद बालिका गृह में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के मेडिकल टेस्ट में यौन उत्पीड़न की पुष्टि हुई। इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसके बाद ठाकुर समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। चौतरफा विरोध और भारी राजनीतिक दबाव के बाद बिहार सरकार ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है।
Published: 03 Aug 2018, 10:56 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 03 Aug 2018, 10:56 AM IST