बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर नदियों को जोड़ने की मांग करते हुए सुझाव दिया है कि इसके लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी मांग रखे। तेजस्वी यादव ने पत्र में कहा है कि बिहार देश का एक ऐसा राज्य है जो प्रतिवर्ष बाढ़ की भयानक विभीषिका के साथ-साथ सूखे की गंभीर समस्या झेलता है, जिससे प्रतिवर्ष करोड़ो लोग प्रभावित होते हैं।
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पत्र में उन्होंने बताया कि बिहार के कम-से-कम 20 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सीवान, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा, भागलपुर, कटिहार, वैशाली, पटना आदि ऐसे हैं जो प्रत्येक वर्ष बाढ़ से गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं।
पत्र में उन्होंने लिखा कि बिहार की बाढ़ समस्या के समाधान के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा सिर्फ घोषणाएं ही की जा रही है, लेकिन इस समस्या के स्थायी एवं ठोस समाधान की दिशा में ईमानदार कोशिश नहीं हो रही है।
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तेजस्वी ने लिखा है कि इसके लिए कई नहरों एवं बराजों के निर्माण कराने के साथ-साथ राज्य की नदियों को जोड़ने की मांग पहले से की जाती रही है। वर्ष 2011 में राज्य में रिवर लिकिंग प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी, जिसमें कई नदियों को जोड़ने के लिए योजनाएं बनी।
केन्द्र सरकार ने वर्ष 2019 में इनमें से मात्र एक 'कोशी-मेची' नदी को जोड़ने की योजना को क्लियरेंस दिया था लेकिन अब तक कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। उन्होंने पत्र में लिखा है कि राज्य में बाढ़ की विभीषिका के स्थायी समाधान के लिए नदियों को जोड़ना आवश्यक है।
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पत्र के अंत में पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि नदियों को जोड़ने, बांधो एवं नहरों को बनाने की योजनाओं को केंद्र सरकार से राष्ट्रीय योजना घोषित कराने की मांग की जाए जिससे इन योजनाओं के लिए राशि शतप्रतिशत उपलब्ध हो सके।
पत्र में सुझाव देते हुए लिखा गया है, "मेरा सुझाव है कि राज्यहित में प्रतिवर्ष बाढ़ की विभीषिका के कारण होने वाले नुकसान एवं नदी जोड़ने की योजना के महत्व के संदर्भ में आपके नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिलकर उपयुक्त मांगों को रखे।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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